(Source: ECI / CVoter)
Inside Story: मोकामा में दिखा अनंत सिंह का जलवा, पत्नी नीलम सिंह विजयी, यहां जानें जीत के 11 कारण
Anant Singh RJD: मोकामा सीट पर नीलम देवी ने 16 हजार 741 वोटों से बीजेपी को हराया है. मोकामा की जनता ने एबीपी को खुद बताया कि अनंत सिंह ही क्यों उनके नेता हैं.
पटना: मोकामा विधानसभा में बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह (Anant Singh) की पत्नी नीलम देवी ने जीत हासिल की. हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है. नीलम ने 16 हजार 741 वोटों से बीजेपी को हराया है. अनंत सिंह 2005 से लगातार चार बार विधायक रह चुके हैं. अनंत सिंह को एके-47 मामले में 10 साल की सजा हो जाने के बाद उपचुनाव हुआ. महागठबंधन की ओर से अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी (Neelam Devi) चुनाव लड़ीं और पांचवी बार भी मोकामा की जनता ने फिर से अनंत सिंह पर भरोसा किया. यहां एबीपी न्यूज से जानिए इस बार और हर बार चुनाव जीतने की क्या वजह है. मोकामा की जनता ने खुद बताया है कि अनंत सिंह ही उनके नेता क्यों हैं.
चुनाव जीतने के 11 बड़े कारण
1. मोकामा के लोगों ने बताया कि सबसे पहला और मुख्य कारण है कि अनंत सिंह भले ही बाहुबली हो, लेकिन मोकामा की जनता के सामने हमेशा नतमस्तक रहते हैं. उनकी हर सुख दुख में वे हमेशा साथ रहते हैं.
2. अनंत सिंह के खिलाफ अभी तक जनता का विश्वास जीतने वाला कोई कोई प्रत्याशी नहीं मिला है. अनंत सिंह 2005 में पहली बार जेडीयू के टिकट पर मोकामा के विधायक बने. उससे पहले 2000 में सूरजभान सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ कर जीते. सूरजभान सिंह मोकामा में पांच साल तक विधायक रहे, लेकिन जनता ने उन्हें विदा कर दिया.
मोकामा के संजय सिंह बताते हैं की सूरजभान सिंह भले ही मोकामा शहर के रहने वाले हो, लेकिन उन्होंने जनता के लिए ऐसा कोई काम नहीं किया कि जनता उनको दोबारा विधायक बना सके. यही वजह है कि इस बार सोनम देवी जो सूरजभान सिंह के परिवार से है उन पर जनता ने विश्वास नहीं किया .
3. मोकामा की जनता के लिए अनंत सिंह का दरवाजा हमेशा खुला रहता है. वहां के लोग बताते हैं कि अगर कोई भी काम हो, चाहे डॉक्टर को दिखाना हो, या कोई अन्य काम जो विधायक फंड से हट कर वह भी अनंत तुरंत कर देते हैं. कोई गरीब हो तो उसके लिए पैसे भी खर्च कर देते हैं.
4. मोकामा टाल क्षेत्र के शिवपूजन बताते हैं कि अगर कोई भी अनंत सिंह के आवास पर बाढ़ या पटना जाता है तो सबसे पहले चाय नाश्ता भोजन कराया जाता है. उसके बाद काम पूछा जाता है. किसी का कोई काम हो तुरंत अनंत सिंह उसके काम के लिए संबंधित लोगों को फोन करते हैं और काम तुरंत करवाते हैं.
5. मोकामा के लोग बताते हैं कि अभी अनंत सिंह जेल में हैं. उसके बाद भी उनके कार्यकर्ता उनका काम देखते हैं और तुरंत जनता की सेवा के लिए तत्पर हो जाते हैं.
6. जनता को कभी अनंत सिंह से निराशा नहीं मिली. विकास कार्य में भी हर लोगों के लिए अनंत सिंह हमेशा तत्पर रहे हैं. बुनियादी सुविधा का मामला हो या बड़ी सड़क पुल पुलिया का हो अनंत सिंह जनता के हर काम में आगे रहे हैं.
7. मोकामा के लोग बताते हैं कि विकास कार्य में ऐसा कोई गांव मोकामा में नहीं है जिसके चारों ओर से सड़क नहीं है. इसके अलावा सामुदायिक भवन चापाकल या अन्य सुविधा जो होना चाहिए मोकामा के करीब हर गांव में उपलब्ध है. यह विधायक की देन है कि उन्होंने कोई जात देख कर काम नहीं किया.
8. टाल क्षेत्र में भी अनंत सिंह ने काफी विकास किया है. टाल क्षेत्र के लोग बताते हैं की पिछले 12 साल पहले यहां चलना मुश्किल था. अब पूरा टाल क्षेत्र घूमने में एक घंटे से भी कम समय लगता है. तीन नदियां टाल क्षेत्र के लिए अभिशाप थी. तीनों नदी पर बड़ा पुल बना कर अनंत सिंह ने टाल क्षेत्र को एक वरदान दे दिया और आम जनता के लिए बड़ी राहत हुई .
9. पासवान वोट गोलबंद नहीं हो सका. मोकामा के घोसवारी के रहने वाले संजय पासवान बताते हैं कि अचानक बीजेपी के समर्थन में चिराग पासवान ने प्रचार किया. पासवान वोटर भी अनंत सिंह से काफी प्रभावित रहे हैं. पासवान वोटर को गोलबंद होने का समय भी कम मिला. यही कारण है कि पूरी तरह से पासवान वोटर ने एकजुट होकर बीजेपी में वोट नहीं किया .
10. मोकामा के सौरभ बताते हैं कि सबसे बड़ी बात है कि अनंत सिंह के विधायक रहते मोकामा के लोग सुरक्षित हैं. जिस टाल छेत्र में अंधेरा होते ही वहां जाना मुश्किल था. अब 12 बजे और रात में भी आसानी से जा सकते हैं.
11. बीजेपी के पहली बार चुनाव लड़ने का फायदा मिला. बीजेपी भले ही जीत नहीं पाई हो, लेकिन 2020 में आरजेडी के टिकट पर अनंत सिंह चुनाव लड़े थे और 35000 वोट से चुनाव जीते थे. इस बार मार्जिन कम है.
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