‘ना सीएम बनना है ना MP-MLA, सिर्फ....', बोले प्रशांत किशोर- ये बदलाव का निर्णायक समय
Prashant Kishor: प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर सिर्फ पद चाहिए होता तो किसी भी दल से ऐसे ही बन जाता, लेकिन मैं सिर्फ बिहार को बदलने आया हूं. बिहार आज भी देश का सबसे गरीब और पिछड़ा राज्य है.

Prashant Kishor News: जन सुराज पार्टी प्रमुख और रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एबीपी न्यूज को दिए इंटरव्यू में कई तीखे सवाल खड़े किए और सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि “अब अगर बिहार की जनता चूक गई, तो अगला पांच साल भी इसी दुर्दशा में कटेगा. ये बदलाव का निर्णायक समय है.”
जेपी की क्रांति से जोड़ा आंदोलन
प्रशांत किशोर ने कहा कि आज से करीब 50 साल पहले सिताब दियारा के बेटे जयप्रकाश नारायण ने संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था, लेकिन दुर्भाग्य है कि बिहार आज भी देश का सबसे गरीब और पिछड़ा राज्य है, जैसा कि 1975 में था. "बदलाव के लिए अब वोट दीजिए- बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और भविष्य को देखिए, वरना फिर पछताना पड़ेगा"
अपने इरादों को स्पष्ट करते हुए प्रशांत किशोर बोले कि, “मैं जन सुराज का नेता या एमपी/एमएलए बनने नहीं आया हूं. अगर सिर्फ पद चाहिए होता तो किसी भी दल से ऐसे ही बन जाता लेकिन मैं सिर्फ बिहार को बदलने आया हूं. जब तक जाति-धर्म या नाली-गली के नाम पर वोटिंग होगी, तब तक बदलाव नामुमकिन है.”
वहीं प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान पर जिसमें उन्होंने सहरसा से श्रमिक ट्रेन शुरू करने की बात की थी, प्रशांत किशोर ने करारा हमला बोला. उन्होंने कहा कि “क्या गर्व की बात है कि बिहार के बच्चे मजदूर बनकर गुजरात जाएंगे? अंग्रेज भी मजदूरी के लिए जहाज भेजते थे. उन्होंने सवाल किया कि क्या मोदी कभी गुजरात जाकर कह सकते हैं कि गुजरात के बच्चे तमिलनाडु जा कर मजदूरी करेंगे?”
राहुल गांधी-रेवंत रेड्डी पर भी निशाना
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के बयान “बिहारियों के डीएनए में मजदूरी है” को उन्होंने अपमानजनक बताते हुए राहुल गांधी पर सवाल उठाया कि “ऐसी सोच के साथ वोट मांगने कौन आता है?” पीके ने साफ किया कि जन सुराज न तो उदय सिंह ने बनाया है, न ही कोई बाहरी नेता इसमें घुस सकता है. उन्होंने कहा कि “डूबते जहाज़ में कोई नहीं चढ़ता, लोग तब जुड़ते हैं जब जन समर्थन दिखता है.”
एक राजनीतिक विश्लेषक के तौर पर उन्होंने दावा किया कि “2025 के चुनाव के बाद नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे. जनता बदलाव चाहती है. लगभग 60% लोग इस बार नई सरकार चाहते हैं.” उन्होंने कल्याण बिगहा का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे एक SDM ने हमारे नेता को धमकाया कि अगर प्रशांत किशोर गांव आए तो अंजाम भुगतना होगा. उन्होंने सवाल उठाया: “क्या ये अफसरशाही नहीं है? क्या यही है ‘सुशासन’?”
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में अब सिर्फ दो नहीं, तीन विकल्प हैं. एनडीए, इंडिया गठबंधन और तीसरा विकल्प जन सुराज. “अब जनता तय करे कि किसे चुनना है.
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Source: IOCL





















