रंजीत कुमार सिंह को क्लीन चिट नहीं, जांच के दायरे में IAS, पेपर लीक वाले दिन लंबी-लंबी कॉल पर हुई बातचीत पर SIT की नजर
एबीपी न्यूज ने 15 मई को इस बात का खुलासा किया था कि जिस दिन पेपर लीक हुआ था उस दिन रंजीत कुमार सिंह ने अपने दोस्त और इस मामले में गिरफ्तार किए गए शख्स कृष्ण मोहन सिंह से दस बार कॉल पर बात की थी.

पटनाः 67वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा पेपर लीक मामले में एसआईटी की जांच तेज है. इस मामले में हर दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. इस खबर पर एबीपी न्यूज की लगातार नजर है. हमने अब तक कई खुलासे किए हैं. आईएएस रंजीत कुमार सिंह (IAS Ranjit Kumar Singh) का नंबर ईओयू की एफआईआर रिपोर्ट में दर्ज है ये बात हमने ही पाठकों को सबसे पहले बताई थी. यह भी बताया था कि गिरफ्तार किए गए उनके दोस्त और आईएएस रंजीत कुमार में पेपर लीक के दिन दस बार बातचीत हुई थी. एक और बड़ी खबर जान लें कि आईएएस रंजीत कुमार सिंह पर एसआईटी की नजर है.
जांच के दायरें में हैं रंजीत कुमार सिंह
एबीपी न्यूज ने 15 मई को इस बात का खुलासा किया था कि जिस दिन पेपर लीक हुआ था उस दिन रंजीत कुमार सिंह ने अपने दोस्त और इस मामले में गिरफ्तार किए गए शख्स कृष्ण मोहन सिंह से दस बार कॉल पर बात की थी. पांच बार फोन उनके दोस्त ने किया था और पांच बार आईएएस ने किया था. कोई कॉल 9 मिनट तो कोई 12 या 15 मिनट का है. यह सारी जानकारी ईओयू के विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से एबीपी न्यूज को मिली थी. मंगलवार को ईओयू की टीम की ओर से यह साफ किया गया कि रंजीत कुमार सिंह जांच के दायरे में हैं.
IAS को अभी क्लीन चिट नहीं
ईओयू के सूत्रों ने बताया कि आईएएस अधिकारी रंजीत कुमार सिंह को अभी क्लीन चिट नहीं दिया गया है. कहा कि अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं है. हालांकि इस सवाल पर जांच जारी है कि जिस दिन पेपर लीक हुआ उस दिन कृष्ण मोहन सिंह और आईएएस अधिकारी के बीच 10 बार फोन पर बातचीत क्यों हुई थी? बातचीत की टाइमिंग लंबी है. पांच बार फोन आना और पांच बार जाना ये सवाल खड़े करता है. ईओयू ने कहा कि अभी इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी होगी. एसआईटी की जांच जारी है.
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