Bihar Crime: छपरा में पूर्व मुखिया के पति की गोली मारकर हत्या, मुबारकपुर कांड के आरोपी से चल रहा था विवाद
Chhapra News: मामला मुबारकपुर का है. मृतक की पहचान मुबारकपुर पंचायत के पूर्व मुखिया के 52 वर्षीय पति हरेंद्र यादव के रूप में हुई है.वहीं, इस घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल हो गया है.
छपरा: जिले में शनिवार की देर रात मुबारकपुर पंचायत के पूर्व मुखिया के 52 वर्षीय पति हरेंद्र यादव की बदमाशों ने हत्या (Chhapra News) कर दी. बताया जा रहा है कि पहले से ही घात लगाए बाइक सवार बदमाश ने 100 मीटर की दूरी पर से मुखिया पति पर गोली चला दी, जिसमें मुखिया पति हरेंद्र यादव के सीने में गोली लग गई. घटना के बाद घायल को इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां छपरा सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया. इसके बाद सदर अस्पताल में डॉक्टरों ने हरेंद्र यादव को मृत घोषित कर दिया. घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पुलिस पहुंचकर मामले की छानबीन में जुट गई. पुलिस शव को जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
विजय यादव से चल रहा था विवाद
बताया जा रहा है कि हरेंद्र यादव मुबारकपुर केस में आरोपी मुखिया पति विजय यादव के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही थी. पहले से ही दोनों के बीच आपस में ही विवाद था. आशंका जताई जा रही है कि इस वजह से हत्या की घटना को अंजाम दिया गया है. वहीं, घटना के संबंध में बताया जा रहा कि पूर्व मुखिया पति की हत्या हुई उस समय बाइक और अन्य साथी भी मौजूद थे. हालांकि वो अभी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. घटना के बाद लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई. हरेंद्र यादव की हत्या के बाद समर्थकों में काफी आक्रोश है. पूरे गांव में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.
घटना पर बोले स्थानीय ग्रामीण
मिली जानकारी के अनुसार हरेंद्र यादव का पहले से आपराधिक इतिहास रहा है लेकिन बीते 10 सालों में वो इससे दूरी बना ली थी. हत्या के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है. बताया जा रहा है कि आपसी वर्चस्व में इस हत्या की घटना को अंजाम दिया गया है. स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा यह बताया गया कि हरेंद्र यादव और विजय यादव में पूर्व से ही आपसी वर्चस्व की लड़ाई लगातार चलती आ रही है. कई बार चुनाव में दोनों एक-दूसरे के आमने-सामने हुए हैं.
क्या कहते हैं मांझी के विधायक
घटना के संबंध में मांझी के विधायक सत्येंद्र यादव ने कहा कि विजय यादव के पिता की हत्या करके हरेंद्र यादव को फंसाने की साजिश पहले ही रची जा चुकी है. मुझे लगता है कि इस घटना के पीछे एक अपराधिक गिरोह लगातार सक्रिय है और वह काम कर रहा है. वहीं, एसडीपीओ और मांझी थानाध्यक्ष के नेतृत्व में एसआईटी की टीम का गठन कर दिया गया है. पुलिस बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी में जुट गई है.
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