खुद को बिहार का मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर चुकी प्लूरल्स पार्टी चीफ पुष्पम प्रिया का खास इंटरव्यू
बिहार की राजनीति में 8 मार्च 2020 को सभी अखबारों के फ्रंट पेज पर एक लड़की का विज्ञापन छपा जिसने अपने आप को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया. विदेश से पढ़ कर बिहार लौटी पुष्पम प्रिया ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में सभी सवालों के बेबाकी से दिए जवाब.

दरभंगा: बिहार की राजनीति में एक पोस्टर से सनसनी बन गईं पुष्पम प्रिया चौधरी. उन्होंने अपने आप को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बताते हुए अपनी पार्टी प्लूरल्स लॉन्च की थी. अब जब बिहार विधानसभा चुनाव 2020 की तारीखों का ऐलान हो गया है ऐसे में बिहार की राजनीति की यह नई मिस्ट्री गर्ल जो लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से पढ़ी हैं, क्या योजनाएं बना रही हैं. एबीपी न्यूज से पुष्पम प्रिया की खास बातचीत पढ़ें.
सवाल- मिस्ट्री गर्ल पुष्पम प्रिया बिहार की राजनीति में आपकी यह छवि बनी है. ये खुद ब खुद हो गया या सोची समझी रणनीति थी?पुष्पम प्रिया- मिस्ट्री गर्ल वाली स्ट्रेटजी थी नहीं वो बना दी गई. सब कुछ सोचा समझा हुआ था. लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में भी जब मैं पढ़ाई कर रही थी तो इन चीजों के बारे में पूरा ख्याल था. मैंने अपने विषय भी बिहार केंद्रित ही चुने.
सवाल- आप राजनीतिक परिवार से आती हैं, बिहार की राजनीति एक पथरीली राह है. क्या राजनीति में आने का फैसला मुश्किल था?
पुष्पम प्रिया.- बहुत मुश्किल निर्णय था. मैं विश्व के सबसे विकसित देशों में से एक इंग्लैंड में रह रही थी. जिंदगी बहुत आसान थी. दोस्तों ने बहुत मना किया. लेकिन मुझे लगता था कि एक पुल है बिहार और मेरे बीच. आपने सही कहा कि राजनीति में आना मुश्किल है. इतनी मुश्किल होनी नहीं चाहिए. कोई भी युवा जो राजनीति में आना चाहता है उसके लिए रास्ते आसान होने चाहिए लेकिन इसे मुश्किल बना दिया गया है.
सवाल- बिहार में जाति और बिरादरी की राजनीति का बोलबाला है. आप इन खांचों को कैसे तोड़ेंगी?
पुष्पम प्रिया- मैंने अपना शोध बिहार के वोटिंग पैटर्न पर ही किया था. अगर आप बहुत गौर से देखेंगे तो जितनी भी पार्टी हैं वो जातिगत राजनीति पर ही आधारित है. वो इलाके की सबसे बड़ी जाति के उम्मीदवार को खड़ा कर देते हैं. विकास से उन्हें कोई मतलब नहीं. मैं यहीं बदलने आई हूं.सवाल- क्या आपकी पार्टी रजिस्टर हो गई है?
पुष्पम प्रिया- रजिस्ट्रेशन का एक प्रोसेस होता है. पार्टी का नाम अप्रूव हो गया है. लेकिन उस प्रोसेस की वजह से यह क्रांति रुकेगी नहीं मैं इतना विश्वास दिलाना चाहती हूं.सवाल- आपकी पार्टी का चुनाव चिन्ह क्या होगा?
पुष्पम प्रिया- मेरे मन भी एक सिंबल है लेकिन जब मिल जाएगा तब उसके बारे में बात करेंगे. लोगों का जुड़ाव प्लूरल्स की विचारधारा से है. जरा सी बारिश से जलजमाव और बाढ़ जैसी स्थिति आ जाती है. बिहार को इससे निजात मिलना चाहिए.सवाल- आपने खुद को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित किया है. आप कहां से चुनाव लड़ेंगी?
पुष्पम प्रिया- हर पार्टी ने अपना एक मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया है. एनडीए ने भी नीतीश जी को उम्मीदवार घोषित किया है. राजद ने भी किया है. उन्होंने भी अभी नहीं बताया है कि वो कहां से चुनाव लड़ेंगे. मैंने भी अभी तय नहीं किया है. लेकिन अभी मेरे लिए सबसे जरूरी है कि जो ईमानदार लोग आ रहे हैं उन्हें उम्मीदवार के तौर पर खड़ा करना.सवाल- तेजस्वी और नीतीश में विलेन नंबर 1 कौन है?
पुष्पम प्रिया- देखिए नीतीश जी गुड गवर्नेंस के सभी पैमानों पर वो फेल हो चुके हैं. अब लोगों को तय करना है कि वो उन्हें क्या मानते हैं. महागठबंधन के जिस चेहरे की बात आप कर रहे हैं उसमें तेजस्वी जी चेहरा हैं. उनका भी एक छोटा सा ही कार्यकाल था लेकिन उसमें कुछ बदला नहीं. इसलिए दोनों फेल हुए हैं.सवाल- पार्टी चलाने और चुनाव लड़ने में काफी खर्च आता है. आपके पास पैसे कहां से आते है?
पुष्पम प्रिया- ये अच्छा सवाल है. मैं चाहूंगी सभी राजनीतिक दलों से यह सवाल पूछा जाए. अखबार में विज्ञापन देना मेरी मजबूरी थी. लोगों के बीच पहुंचने के लिए वह जरूरी था. मेरे दोस्तों ने इसमें मदद की. मेरा खर्चा मेरे दोस्त चला रहे हैं. पार्टी का खर्च क्राउड फंडिंग से चल रहा है.सवाल- चुनाव के नतीजे जो भी हों क्या पुष्पम प्रिया बिहार में रहेंगी?
पुष्पम प्रिया- देखिए गांवों में लोगों को पीने का पानी नहीं है. हर घर नल तो लग रहा है लेकिन उसमें पानी ही नहीं आता. न चलने का रास्ता सही है. ऐसे में इन समस्याओं के बारे में बिहार के लोग सोचते ही होंगे. इसलिए मुझे नहीं लगता कि लोग किसी और को वोट करेंगे.सवाल- आप काले कपड़े ही क्यों पहनती हैं?
पुष्पम प्रिया- मैं चाहूंगी कि नेता जवाब दें कि वो लोग सफेद कपड़े क्यों पहनते हैं. वैसे इसकी कोई खास वजह नहीं है. राजनीति का कोई ड्रेस कोड तो होता नहीं.सवाल- क्या आप नीतीश के खिलाफ इसलिए बोलती हैं कि वो जवाब दें तो आपकी पूछ बढ़ जाए?
पुष्पम प्रिया- नीतीश जी के अलावा मैं किसी और के बारे में नहीं बोलती. वो सरकार हैं. पार्टी चाहे नई हो या पुरानी उसे सरकार के खिलाफ ही बोलना चाहिए. सिर्फ इसलिए कि वो सरकार हैं मैं उनके बारे में बात करती हूं.सवाल- क्या आप किसी से गठबंधन करेंगी? पुष्पम प्रिया- बिल्कुल नहीं. कई लोगों ने संपर्क भी किया था. लेकिन प्लूरल्स का जन्म ही अलग तरह की राजनीति करने के लिए हुआ है.
Source: IOCL





















