Bihar News: बिहार कांग्रेस में चुनाव से पहले मतभेद! बदले जाएंगे प्रदेश अध्यक्ष? पढ़ें अंदर की खबर
Bihar Politics: 16 मार्च से पश्चिम चंपारण से एक पदयात्रा निकाली जाएगी. इसमें यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई के कार्यकर्ता भाग लेंगे. कार्यक्रम से पहले अंदरखाने में कुछ और ही चल रहा है.

Bihar News: बिहार कांग्रेस में मतभेद की खबर है. बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस एक तरफ अपने छात्र और युवा संगठनों की प्रस्तावित यात्रा की तैयारी कर रही है तो वहीं सूत्रों के मुताबिक इसको लेकर पार्टी का प्रदेश नेतृत्व नाखुश है. इन सब के बीच आज (12 मार्च) दिल्ली में बिहार कांग्रेस के नेताओं के साथ मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की होने वाली बैठक भी टल गई है. पढ़िए अंदर क्या चल रहा है.
पटना में बिहार कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने ऐलान किया कि नौकरी और पलायन के मुद्दे पर 16 मार्च से पश्चिम चंपारण से एक पदयात्रा निकाली जाएगी. इसमें यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई के कार्यकर्ता भाग लेंगे. एनएसयूआई के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार इस यात्रा में शामिल होंगे. जाहिर है कन्हैया इस पदयात्रा में मुख्य आकर्षण होंगे. ऐसे में इस यात्रा को कन्हैया कुमार की यात्रा और कन्हैया की "बिहार वापसी" की यात्रा मानी जा रही है. इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी की सभाओं की योजना भी बनाई जा रही है.
प्रदेश नेतृत्व को किनारे लगाए जाने से वरिष्ठ नेता हैरान
सूत्रों के मुताबिक इस पदयात्रा को लेकर प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व के साथ सलाह मशविरा नहीं किया गया जिससे बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह नाराज हैं. यात्रा की टाइमिंग और इसमें प्रदेश नेतृत्व को किनारे लगाए जाने से कई वरिष्ठ नेता हैरान हैं. इस बीच बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और राहुल गांधी के साथ 12 मार्च को प्रस्तावित बैठक टल गई है. इसकी वजह होली को बताया जा रहा है लेकिन माना जा रहा है कि इसके पीछे पार्टी के अंदर खींचतान जारी है.
चुनावी साल में प्रदेश अध्यक्ष को बदलना आसान नहीं
कांग्रेस में एक धड़ा प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह को बदलना चाहता है. हालांकि लालू प्रसाद यादव के साथ अखिलेश सिंह की निकटता को देखते हुए चुनावी साल में ये आसान कदम नजर नहीं आता. खास तौर पर तब जब बिहार में कांग्रेस सीटों की संख्या को लेकर आरजेडी के सामने पहले से बैकफुट पर है. कन्हैया कुमार को लेकर भी आरजेडी की असहजता जगजाहिर है.
ऐसे में कन्हैया की सक्रियता और अखिलेश सिंह की नाराजगी के बीच देखना यही है कि क्या बिहार में कांग्रेस कोई बड़ा प्रयोग करने जा रही है? फिलहाल कन्हैया की यात्रा शुरू होने से पहले सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन की बजाय कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन के लिए चुनौती बन गई है.
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