बांकीपुर से 5वीं बार जीते, पिता के निधन के बाद सियासी विरासत को संभाला, कौन हैं नितिन नवीन?
Bihar Oath Ceremony: 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में नितिन नवीन बांकीपुर विधानसभा सीट से भारी मतों से विजयी हुए हैं. पार्टी ने उन्हें तीसरी बार मंत्री बनने का मौका दिया है.

पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में गुरुवार (20 नवंबर, 2025) को नीतीश कुमार ने 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ सहयोगी दलों के कई नेताओं को मंत्री पद की दिलाई गई. बीजेपी के नेता और बांकीपुर विधानसभा सीट के पांचवीं बार जीत दर्ज करने वाले नितिन नवीन को भी मंत्री बनाया गया है. शपथ ग्रहण से पहले की सरकार में भी वे मंत्री थे.
2020 में शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे को हराया
2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में नितिन नवीन बांकीपुर विधानसभा सीट से भारी मतों से विजयी हुए हैं. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आरजेडी प्रत्याशी रेखा कुमारी को 51,936 मतों से पराजित किया है. पार्टी ने उन्हें तीसरी बार मंत्री बनने का मौका दिया है. नितिन नवीन पहले भी भारी मतों से चुनाव जीतते आए हैं. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा को करीब 84 हजार मतों से चुनाव हराया था. इस बार फिर दबदबा कायम है.
2006 में हुआ उपचुनाव… फिर जीते नितिन नवीन
नितिन नवीन की बात की जाए तो पहली बार उन्होंने 2006 में उपचुनाव लड़ा और जीत दर्ज की थी. पिता के निधन के बाद उन्होंने सियासी विरासत को संभाला है. इसके बाद 2010, 2015 और 2020 के बाद अब 2025 में भी जीत का परचमा लहराया है. पहली बार 9 फरवरी 2021 को नीतीश सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें पथ निर्माण मंत्री बनने का मौका मिला था, लेकिन 9 अगस्त 2022 को नीतीश कुमार ने पाला बदल लिया था और वे महागठबंधन में चले गए थे.
दोबारा जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए में शामिल हुए तो 25 मार्च 2024 को नितिन नवीन को फिर से मंत्री बनाया गया. उन्हें शहरी विकास एवं आवास विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी. 24 फरवरी 2025 को मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें फिर दोबारा पथ निर्माण मंत्री बना दिया गया.
अब 2025 में उन्हें फिर से मंत्री बनाया गया है तो देखना होगा कि कौन सा विभाग मिलता है. उम्मीद की जा रही है कि फिर से उन्हें पथ निर्माण विभाग का जिमा मिले. इसके साथ ही जब तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होता है तब तक नितिन नवीन को दो-तीन और विभाग भी दिए जा सकते हैं. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मंत्रियों की संख्या बढ़ सकती है.
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Source: IOCL





















