बिहार: मुजफ्फर अहमद ने छठ व्रतियों के लिए अपने घर के आंगन में बनवाया तालाब, वजह पूछने पर कही यह बात
भाईचारा और आपसी सौहार्द का मिसाल पेश करने वाले मुजफ्फर अहमद से जब तालाब बनवाने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि छठ समाज का पर्व है और वे समाज से बाहर के नहीं हैं.

भागलपुर: उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ सम्पन्न हो गया. समाज के हर वर्ग और जातियों के लोग ने मिलकर छठ पर्व मनाया. कोरोना की वजह से इस बार सरकार ने लोगों से घर पर ही छठ मनाने की अपील की थी, ऐसे में भागलपुर निवासी मुजफ्फर अहमद ने अपने मोहल्ले के छत व्रतियों के लिए अपने घर के घर के आंगन में छोटा सा तालाब का निर्माण कराया ताकि व्रतियों को परेशानी न हो.
भाईचारा और आपसी सौहार्द का मिसाल पेश करने वाले मुजफ्फर अहमद से जब तालाब बनवाने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया कि छठ समाज का पर्व है और वे समाज से बाहर के नहीं हैं. इसलिए उन्होंने तालाब बनवाया है ताकि कोरोना काल में भी व्रतियों को परेशानी न हो. इधर, मुजफ्फर अहमद के घर छठव्रत करने पहुंची महिलाओं ने कहा कि कोविड के गाइडलाइन अनुसार इस बार घाटों पर भीड़ लगाने पर पाबंदी थी. ऐसे में मुस्लिम समाज के भाई ने मदद किया.
बता दें कि छठ पर्व की खासियत ही यही है. इस पर्व में जातिगत दूरियां मिटती दिखती हैं. व्यक्ति चाहे किसी भी जाति का हो छठी मां के प्रति सबमें एक समान आस्था होती है. यह पर्व सामाजिक सौहार्द और एकता का बड़ा संदेश देता है. इस पर्व को हर वर्ग और हर जाति के लोग करते हैं.
वहीं, पर्व में इस्तेमाल होने वाली वस्तुएं जैसे अरता का पत्ता, सूप-दौरा, मिट्टी के बर्तन समाज के अलग-अलग वर्ग के लोगों द्वारा तैयार किया जाता है, जिससे यह संदेश मिलता है कि समाज में हर वर्ग की जगह एक सी है और बिना एक दूसरे के सहयोग के जीवनयापन थोड़ी मुश्किल है.
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