Bihar Liquor Ban: जीतन राम मांझी की पार्टी बोली- बिहार में शराबबंदी कानून की समीक्षा की जरूरत, CM नीतीश को दिए कई सुझाव
मांझी की पार्टी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से अनुरोध किया है कि अविलंब शराबबंदी कानून की समीक्षा की जाए. कहा कि स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत है.

पटनाः बिहार में शराबबंदी कानून लागू है इसके बावजूद जहरीली शराब से कहीं लोगों की मौत हो रही है तो कहीं इसकी तस्करी जारी है. लगातार कार्रवाई के बाद भी यह थम नहीं रहा. इसको लेकर लगातार विपक्ष इस कानून की समीक्षा करने की बात करता रहा है. इधर, शनिवार को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की पार्टी ने बयान जारी कर बताया है कि बिहार में शराबबंदी कानून की समीक्षा की क्यों जरूरत है.
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा- “छपरा में जहरीली शराब से हुई मौत की घटना बेहद दुखद है. राज्य सरकार इसको लेकर गंभीर भी है, लेकिन जिस तरीके से शराबबंदी की आड़ में जहरीली शराब बिक रही है उसमें कहीं न कहीं स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत है. हमने स्पष्ट तरीके से कहा है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से अनुरोध किया है कि अविलंब शराबबंदी कानून की समीक्षा की जाए.”
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जीतन राम मांझी की पार्टी के सुझाव
- कौन लोग दोषी हैं जिनकी वजह से सूबे में शराब बिक रही है?
- क्या कारण है कि लोग जहरीली शराब पी रहे हैं?
- कौन सा तबका सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है?
- आम जनता की राय ली जाए.
‘राय ली जाए कि क्या खोया और क्या पाया’
दानिश रिजवान ने जारी बयान में कहा है कि समीक्षा अगर नहीं होगी तो कौन लोग दोषी हैं जिनकी वजह से सूबे में शराब बिक रही है. क्या कारण है कि लोग जहरीली शराब पी रहे हैं. कौन सा तबका सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है. यह सब जांच का विषय है. इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अनुरोध करते हुए कह रहा हूं कि अविलंब शराबबंदी कानून की समीक्षा करें. आम जनता की राय ली जाए कि इस कानून ने पिछले पांच साल में क्या पाया और क्या खोया.
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