बिहार के पहले बेली डांसर का नृत्य देख आप हो जाएंगे हैरान
दसवीं पास मानव ने इजिप्ट देश के नृत्य से जुड़े विशेष इजिप्शियन डांस शैली में महारत हासिल की है. दिल्ली बंजारा स्कूल ऑफ डांस से विशेष प्रशिक्षण के बाद मानव अब इस कला को बिहार के साथ-साथ पूरे देश में पॉपुलर करना चाहते हैं.

कटिहार: कहते हैं हुनर किसी की जागीर नहीं जिसने लगन लगा ली वो हो गया हुनरमंद ऐसे हीं हनरमंद हैं बिहार के मानव झा. पहले बिहार के पहले मेल "बेली डांसर" मानव झा कटिहार के कुर्सेला प्रखंड कटोरिया गांव के रहने वाले हैं. दसवीं पास मानव ने इजिप्ट देश के नृत्य से जुड़े विशेष इजिप्शियन डांस शैली में महारत हासिल की है. दिल्ली बंजारा स्कूल ऑफ डांस से विशेष प्रशिक्षण के बाद मानव अब इस कला को बिहार के साथ-साथ पूरे देश में पॉपुलर करना चाहते हैं.
पेशे से किसान मनोज झा उर्फ संगम बाबा के बेटे मानव झा को शुरु से हीं इस नृत्य शैली में झुकाव के कारण कई तरह का सामाजिक ताना भी सुनना पड़ता था.लेकिन इन सब से ऊपर उठ कर मानव ने अपने लगन से इस बेली डांस को अपना कैरियर बना लिया. मानव को देख एकबारगी आप भी सोच में पड़ जाएंगे कि ये लड़का है या लड़की,ऐसे में लोग उनके डांस को देखकर महिला-पुरूष में फर्क करने में अटक जाते हैं.
मानव की माने तो अगर सरकार उन्हें मदद करें तो वो इसे मुकाम तक पहुंचा सकते हैं. इस नृत्य शैली के बारे में खूबियां बताते हुए मानव कहते हैं भारतीय क्लासिकल नृत्य के तरह इस नृत्य से शरीर के फिटनेस को नियंत्रण रखने में भरपूर मदद मिलता है. उन्होंने कहा कि यह एकमात्र ऐसा नित्य है जो गर्भवती महिला भी गर्भधारण के दौरान 9 माह तक कर सकती है. कुल मिलाकर किसान पिता के पुत्र मानव को अब सरकारी मदद की उम्मीद है जिससे बिहार के इस छोटे से गांव का यह होनहार युवक अपने दम पर इस विशेष नृत्य शैली के माध्यम से कला क्षेत्र में नया मुकाम हासिल कर सके.
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