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Bihar Caste Census: जातिगत सर्वेक्षण पर बिहार के मंत्री बोले- सभी विधायी और वैधानिक कदम उठाने को तैयार है सरकार
Caste Census In Bihar: संसदीय मामलों के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार ने पटना उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश से उत्पन्न कई मुद्दों पर स्पष्टता के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
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पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक प्रमुख सहयोगी ने कहा है कि सरकार जाति आधारित सर्वेक्षण की दिशा में आगे बढ़ने के लिए सभी विधायी और वैधानिक कदम उठाने को तैयार है. उल्लेखनीय है कि पटना उच्च न्यायालय ने हाल में बिहार में जातिगत सर्वेक्षण पर रोक लगा दी थी.
बिहार के वित्त और संसदीय मामलों के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सरकार ने इस महीने की शुरुआत में पटना उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश से उत्पन्न कई मुद्दों पर स्पष्टता के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है.
चौधरी ने बताया, ‘‘उच्च न्यायालय ने सर्वेक्षण करने से पहले, एक कानून पारित नहीं करने को लेकर सरकार से आपत्ति जताई है, हालांकि जातिगत जनगणना के पक्ष में विधायिका के दोनों सदनों द्वारा सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किए गए थे. फैसले में यह भी कहा गया कि राज्य सरकार के पास इस तरह के कानून को पारित करने का कोई अधिकार नहीं है. ’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रकार, अदालत की टिप्पणियों में एक विरोधाभास प्रतीत होता है. हम मामले की जल्द सुनवाई का अनुरोध करके संदेहों को शीघ्रता से दूर करना चाहते थे, जिसे जुलाई तक के लिए टाल दिया गया है. उच्च न्यायालय सहमत नहीं था, इसलिए हमने अब शीर्ष न्यायालय का रुख किया है. ”
चौधरी को उच्च न्यायालय के आदेश में एक और बिंदु पर विरोधाभास दिखाई दिया, वह यह था कि सर्वेक्षण के तहत जुटाई गई जानकारी नागरिकों के ‘‘निजता के अधिकार’’ का उल्लंघन कर सकती है.
मंत्री ने पूछा, ‘‘उच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि राज्य सरकार इस कवायद के तहत उसी प्रकार की जानकारी एकत्र कर रही है जैसे कि केंद्र सरकार द्वारा जनगणना के दौरान की जाती है. अगर जनगणना नागरिकों की गोपनीयता का उल्लंघन नहीं करती है, तो हमारा सर्वेक्षण नागरिकों के निजता के अधिकार का उल्लंघन कैसे कर सकता है. ’’
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