Bihar Budget Session: बिहार बजट सत्र में राज्यपाल ने की नीतीश सरकार की तारीफ, विपक्ष ने जताई असहमति
Bihar budget Session: राज्यपाल ने सरकार के जरिए महिला सशक्तीकरण पर विशेष जोर दिए जाने की बात कही. साथ ही बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली और दलित समाज के लिए किए गए कामों को बताया.

Governor Arif Mohammad Khan: बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शुक्रवार (28 फरवरी) को बजट सत्र के पहले दिन दोनों सदनों को संबोधित किया. बिहार विधान मंडल के संयुक्त अधिवेशन में उन्होंने सभी सदस्यों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि राज्य की खुशहाली एवं बहुआयामी विकास की कामना करता हूं. इस सत्र में वित्तीय, विधायी एवं अन्य महत्वपूर्ण कार्य सम्पन्न होने हैं. मैं बिहार विधान मंडल के सभी सदस्यों से बिहार के विकास के लिए रचनात्मक भूमिका अदा करने की अपेक्षा करता हूं.
राज्यपाल ने 30 मिनट के अभिभाषण में क्या कहा?
राज्यपाल ने कहा कि 24 नवंबर 2005 को नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद से राज्य में ‘‘कानून का शासन’’ कायम है और ‘‘निरंतर विकास’’ हो रहा है. बजट सत्र के पहले दिन, विधानमंडल के संयुक्त सत्र में राज्यपाल ने 30 मिनट के अपने पारंपरिक अभिभाषण में इस तिथि का दो बार प्रमुखता से उल्लेख किया. खान ने यह बात भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के विधायकों की नारेबाजी के बीच कही, जो अमेरिका से वापस भेजे गए अवैध प्रवासी भारतीयों के साथ किए गए दुर्व्यवहार के विरोध में हथकड़ी और जंजीर पहनकर विधानसभा परिसर पहुंचे थे. राज्यपाल को हंगामा कर रहे सदस्यों को फटकार लगाते देखा गया. राज्यपाल ने कहा, ‘आपका विरोध दर्ज हो चुका है. अब आप कृपया मुझे मेरी संवैधानिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करने दें'
राज्यपाल ने 24 नवंबर 2005 का जिक्र करते हुए कहा कि नई सरकार बनने के बाद राज्य में कानून का राज है तथा लगातार विकास का काम हो रहा है. राज्य सरकार ने हमेशा सुशासन एवं न्याय के साथ विकास पर जोर दिया है, जिसका अर्थ है सभी क्षेत्रों का विकास एवं सभी वर्गों का उत्थान. शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, सड़क, पेयजल आदि क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया गया है. अब किसी तरह के डर एवं भय का वातावरण नहीं है तथा राज्य में प्रेम, भाईचारे एवं शांति का माहौल है. उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का भी उल्लेख किया. इसके अलावा दलितों, महादलितों और पिछड़ी जातियों के लिए किए गए सरकार के कामों को भी बताया.
राज्यपाल ने कहा कि 24 नवम्बर, 2005 में नई सरकार बनने के बाद से ही बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली की गई है. वर्ष 2022 तक लगभग 3 लाख 68 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की गई. इसके बाद दो चरणों में 2 लाख 17 हजार 272 नये सरकारी शिक्षकों की बहाली की जा चुकी है, जिसमें लगभग 28 हजार नियोजित शिक्षक भी पास हुए हैं. तीसरे चरण का भी परिणाम घोषित कर दिया गया है, जिसमें शिक्षक के नए पदों पर 66 हजार 800 अभ्यर्थी तथा हेड मास्टर के नये पदों पर 42 हजार 918 अभ्यर्थी पास हुए हैं. कुछ ही दिनों में इन सभी की नियुक्ति हो जाएगी.
साथ ही सरकार के जरिए महिला सशक्तीकरण पर विशेष जोर दिए जाने की बात कही. कहा कि वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं एवं वर्ष 2007 में नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया. वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर राज्य में स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया जिसे "जीविका नाम दिया गया. अब स्वयं सहायता समूहों की संख्या 10 लाख 63 हजार हो गई है, जिसमें जीविका दीदियों की संख्या 1 करोड़ 31 लाख से भी अधिक है. उन्होंने कहा कि सरकार की उपलब्धियों एवं कार्यक्रमों से स्पष्ट है कि सरकार न्याय के साथ विकास के मूल मंत्र को ध्यान में रखते हुए राज्य के सभी क्षेत्रों एवं सभी वर्गों के उत्थान के लिए सतत् प्रयत्नशील है.
विपक्षी सदस्यों ने जताई नाराजगी
विधानमंडल के केंद्रीय कक्ष में राज्यपाल के अभिभाषण के बाद, विधानसभा और विधानपरिषद सदस्य अपने-अपने सदन में चले गए. दोनों सदनों में, दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद कार्यवाही स्थगित कर दी गई. विधानसभा में, विपक्षी विधायकों ने ‘‘लोकतंत्र की हत्या’’ के नारे लगाए जाने के बीच, उपमुख्यमंत्री एवं वित्त विभाग का भी प्रभार संभाल रहे सम्राट चौधरी ने राज्य का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया. विपक्षी सदस्य इस बात से नाराज दिखे कि पिछले साल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल हुए दल-बदलुओं को सत्ता पक्ष के करीब बैठने की अनुमति दी गई.
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Source: IOCL























