बिहार से बड़ी खबर: JDU सांसद अजय कुमार मंडल ने दिया इस्तीफा, लगाए गंभीर आरोप
Ajay Kumar Mandal Resign: अजय कुमार मंडल ने नीतीश कुमार को पत्र लिखा है. उनका कहना है कि विगत कुछ माह से संगठन में ऐसे निर्णय लिए जा रहे हैं जो पार्टी और उसके भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं हैं.

जेडीयू सांसद अजय कुमार मंडल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. सांसद ने सीएम नीतीश कुमार को त्यागपत्र लिखा है जिसे मंगलवार (14 अक्टूबर, 2025) को उन्होंने अपने एक्स हैंडल से शेयर किया. अजय मंडल ने पार्टी छोड़ने के साथ गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है, "स्थानीय सांसद होने के बावजूद टिकट देने में मेरी किसी भी प्रकार की सलाह नहीं ली गई है, इसलिए मेरा सांसद पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है."
'कुछ माह से संगठन में ऐसे निर्णय लिए जा रहे…'
अजय मंडल ने नीतीश कुमार को लिखे पत्र में कहा है, "आपके आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन से मैं विगत लगभग 20-25 वर्षों से भागलपुर क्षेत्र में विधायक एवं सांसद के रूप में जनता की सेवा करता आ रहा हूं. इस लंबे राजनीतिक जीवन में मैंने जनता दल (यू) को अपने परिवार की तरह समझते हुए इसके संगठन, कार्यकर्ताओं और जनसंपर्क को सुदृढ़ करने का काम किया है. भागलपुर एवं नवगछिया जिले में जिला अध्यक्ष, प्रभारी और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर हमेशा पार्टी की मजबूती के लिए कार्य करता रहा हूं. परंतु विगत कुछ माह से संगठन में ऐसे निर्णय लिए जा रहे हैं जो पार्टी और उसके भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं हैं."
आदरणीय मुख्यमंत्री श्री @NitishKumar जी, सांसद पद से त्यागपत्र देने हेतु अनुमति प्रदान कीजिए।
— Ajay Kumar Mandal (अजय कुमार मंडल) (@AjayMandalMPbgp) October 14, 2025
स्थानीय सांसद होने के बावजूद टिकट देने में मेरी किसी भी प्रकार की सलाह नहीं ली गई है। इसलिए मेरा सांसद पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है।@ZeeNews @ZeeNewsBihar @aajtak pic.twitter.com/STEjQOYsfr
आगे लिखा है, "विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण की प्रक्रिया में स्थानीय सांसद होने के बावजूद मुझसे कोई सलाह या चर्चा नहीं की जा रही है. जिन व्यक्तियों ने कभी पार्टी संगठन के लिए कार्य नहीं किया, उन्हें टिकट देने की बात सामने आ रही है, जबकि जिला अध्यक्ष एवं स्थानीय नेतृत्व की राय को पूरी तरह अनदेखा किया जा रहा है."
जेडीयू सांसद को मिलने तक नहीं दिया जा रहा?
अजय मंडल ने पत्र के माध्यम से गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्हें नीतीश कुमार से मिलने नहीं दिया जा रहा है. न ही उनकी राय को सुना जा रहा है. उन्होंने कहा, "मेरा उद्देश्य किसी प्रकार की नाराजगी या विरोध नहीं है, बल्कि पार्टी और आपके नेतृत्व को भविष्य में किसी हानि से बचाना है. अगर इसी तरह बाहरी या निष्क्रिय लोगों को प्राथमिकता दी जाती रही तो पार्टी की जड़ें कमजोर होंगी और इसका सीधा असर माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व पर पड़ेगा, जो हम सभी के लिए चिंता का विषय है."
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Source: IOCL























