Ashok Leyland: क्या बिहार में लगने जा रही अशोक लेलैंड की फैक्ट्री? कंपनी ने खुद बताई सच्चाई
Ashok Leyland Factory: बिहार में अशोक लेलैंड की फैक्ट्री लगाए जाने की खबरों के बीच एक तरफ जहां लोगों में खुशी थी तो वहीं अब निराशा हाथ लगी है. पढ़िए कंपनी की ओर से क्या कुछ कहा गया है.

बिहार में एनडीए की प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनी है. ऐसे में लगातार दावा किया जा रहा है कि प्रदेश में युवाओं को रोजगार और नौकरी मिले सरकार इसके लिए पूरी तरह से तत्पर है. अगले पांच वर्षों (2025-30) में एक करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस बीच हाल ही में एक खबर सामने आई कि बिहार में अशोक लेलैंड की फैक्ट्री लगेगी. इससे बस और ट्रक का निर्माण बिहार में हो सकेगा. साथ ही बिहार में फैक्ट्री लगेगी तो रोजगार भी मिलेगा. ऐसी खबरों का कंपनी ने खंडन किया है. साथ ही अशोक लेलैंड की ओर से सफाई भी दी गई है.
दरअसल जैसे ही अशोक लेलैंड की यह खबर अखबार में छपी तो सोशल मीडिया पर भी इसे शेयर किया जाने लगा. कुछ जगहों पर ट्वीट हुआ कि बिहार में बसों और ट्रकों के लिए अशोक लेलैंड की फैक्ट्री लगेगी. मुजफ्फरपुर, भागलपुर और गयाजी जैसे जिलों में सर्वेक्षण चल रहे हैं. इससे लगभग 8,000 रोजगार सृजित होने की उम्मीद है. यह पोस्ट जैसे ही कंपनी के अधिकारियों तक पहुंची तो तुरंत एक्शन लेते हुए खंडन कर दिया गया.
'हमने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया'
अशोक लेलैंड की ओर से 19 दिसंबर (2025) को ही एक्स पर सफाई दी गई कि, "बिहार में विनिर्माण इकाई स्थापित करने की खबरें पूरी तरह से अटकलबाजी पर आधारित हैं. इस संबंध में हमने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है. हमारी नीति के अनुसार इस तरह की सभी सूचनाएं केवल हमारे आधिकारिक माध्यमों से ही दी जाती हैं."
Reports about Ashok Leyland setting up a manufacturing unit in Bihar are purely speculative. No such decision has been made by us regarding such a facility. As a policy, all such updates are communicated through our official channels only.
— Ashok Leyland (@ALIndiaOfficial) December 19, 2025
खबर में और क्या कुछ किया गया था दावा?
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के बाद अब बिहार में अशोक लेलैंड की फैक्ट्री लगेगी. फैक्ट्री के लिए अधिकारी जगह की तलाश कर रहे हैं. बिहार से झारखंड, बंगाल, असम और पूर्वी उत्तर प्रदेश के मार्केट में इसके जरिए वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे. साथ ही नेपाल और भूटान में भी वाहनों सप्लाई हो सकेगी.
ऐसी खबर के बाद चर्चा थी कि बिहार में अशोक लेलैंड की यूनिट लगने से ट्रांसपोर्ट खर्च कम होगा. फिलहाल बिहार में लोग नोएडा और फरीदाबाद से वाहन खरीदते हैं. वहां से पटना वाहन लाने में 70 हजार से अधिक का खर्च हो जाता है. ऐसे में ये सब बचेगा. खबर के सामने आने के बाद एक तरफ जहां बिहार के लोग खुश थे तो वहीं अब अशोक लेलैंड ने ऐसी खबरों का खंडन किया है तो लोगों को निराशा हाथ लगी है.
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Source: IOCL























