टीम में मौके के लिए इंतज़ार कर पाना मुश्किल होता है: मनीष पांडे
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले गए दूसरे टी20 मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका ने भारत को 6 विकेट से हरा दिया. भारतीय गेंदबाज़ के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सके जिसकी वजह से भारत का क्लीनस्वीप का सपना अधूरा रह गया.
सेंचुरियन: भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले गए दूसरे टी20 मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका ने भारत को 6 विकेट से हरा दिया. भारतीय गेंदबाज़ के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सके जिसकी वजह से भारत का क्लीनस्वीप का सपना अधूरा रह गया. लेकिन इस मुकाबले से भारत के लिए मनीष पांडे और एमएस धोनी की पारी के रूप में दो अच्छी खबरें भी आईं.
दोनों बल्लेबाज़ों ने अपने-अपने अंदाज़ में शानदार बल्लेबाज़ी कर टीम इंडिया को एक विशाल लक्ष्य दिया. मनीष पांडे ने 48 गेंदों में छह चौके और तीन छक्कों के साथ नाबाद 79 रन बनाए.
इस शानदार पारी के बाद मनीष पांडे ने कहा कि टीम में मौके का इंतज़ार करना मुश्किल होता है.
पांडे ने कल रात मैच के बाद कहा, ‘‘ईमानदारी से कहूं तो यह (मौके के लिये इंतजार) थोड़ा मुश्किल होता है और यह आपके दिमाग में बैठ जाता है. विशेषकर इस दौरे में मैंने इसे काफी महसूस किया लेकिन यही क्रिकेट है. आपको भारत जैसी टीम(जहां कई दिग्गज खिलाड़ी भरे हैं) में खेलने के लिये अपने लिये मौके का इंतजार करना होता है. इसलिए मैं अपनी तरफ से थोड़ी सी कोशिश कर रहा हूं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नंबर चार पर कुछ मौके मिले और मैंने अच्छा प्रदर्शन किया. कुछ अवसरों पर बल्लेबाजी संयोजन के कारण मुझे नंबर पांच पर उतरना पड़ा. मैंने (पांचवें नंबर पर) अपनी तरफ से थोड़े प्रयास किये लेकिन मुझे भी लगता है कि मैं अपनी तरफ से थोड़ा बेहतर कर सकता हूं.’’
पांडे को पता है कि काम इतना आसान नहीं है लेकिन उनका यह भी मानना है कि अगर टीम में उन्हें लगातार जगह मिलती है तो वह खुद को नियमित चयन के योग्य साबित कर सकते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के पास वास्तव में शीर्ष क्रम में बहुत अच्छी लाइनअप है और वे वनडे में 30-35 ओवर खेल लेते हैं. विराट कोहली और फिर महेंद्र सिंह धोनी (कुछ अवसरों पर) जैसे खिलाड़ी मुझसे ऊपर बल्लेबाजी के लिये आते हैं. हां, अगर अधिक मौके मिलते हैं तो मुझे लगता है कि अभी मैं जो कुछ कर रहा हूं, उससे बेहतर कर सकता हूं. ’’
पांडे पूरी वनडे श्रृंखला के दौरान बाहर बैठे रहे और यहां तक कि केदार जाधव के चोटिल होने पर भी उन्हें नहीं चुना गया और श्रेयस अय्यर को उन पर तरजीह दी गयी.
सेंचुरियन में 2009 में आईपीएल में शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने पांडे ने कहा कि नंबर पांच पर सुरेश रैना और युवराज सिंह जैसे खिलाड़ियों के पदचिन्हों पर चलना आसान नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं यहां अपनी बारी का इंतजार कर रहा था. यहां तक कि वनडे में भी मुझे अपनी बारी का इंतजार था लेकिन वहां मौका नहीं मिला. लेकिन टी20 मेरे लिये अच्छा रहा और सेंचुरियन में मैंने हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया है. मुझे अब भी वह शतक याद है जो नौ दस साल पहले मैंने यहां बनाया था.’’
पांडे ने कहा, ‘‘जैसे मैंने पहले कहा था कि भारत के लिये नंबर पांच पर बल्लेबाजी करना मुश्किल है. मुझसे पहले इस स्थान पर रैना और युवी जैसे खिलाड़ी बल्लेबाजी करते रहे हैं और उनके पदचिन्हों पर चलना आसान नहीं है. पिछले दो वर्षों में भारतीय बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और इसलिए आपको अपने मौके के लिये बेहद धैर्य दिखाना होता है.’’