BAN vs SA: शाकिब अल हसन पर हो रहा बवाल, भयंकर मुसीबत में पड़े बांग्लादेश के कप्तान; कहा - हमें समय बर्बाद...
Bangladesh vs South Africa: बांग्लादेश और साउथ अफ्रीका के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला 21 अक्टूबर से खेला जाना है. मैच में शाकिब को लेकर हुए बवाल के कारण शंतो गंभीर संकट में आ गए हैं.
Shakib Al Hasan BAN vs SA Mirpur Test: बांग्लादेश और साउथ अफ्रीका के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मैच 21 अक्टूबर से खेला जाना है. यह मैच मीरपुर के शेर-ए-बांग्ला नेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा. इस भिड़ंत से पहले बांग्लादेशी टीम में कई बदलाव हुए हैं. जिसके चलते पिछले कुछ दिनों से टीम का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है. सबसे पहले चंडिका हटुरुसिंघा को हेड कोच के पद से हटाकर फिल सिमंस को कोच बनाया गया. इसके बाद टीम में स्टार खिलाड़ी शाकिब अल हसन का नाम होने के बावजूद उनका देश में न होना भी टीम के लिए सिरदर्द बन गया है.
शाकिब की की गैरमौजूदगी से बांग्लादेशी कप्तान मुसीबत में पड़े
शाकिब अल हसन बांग्लादेश के एक अनुभवी ऑलराउंडर है. वह अपनी फिरकी से विरोधी टीम की मुश्किल बढ़ाने का काम करते आए हैं. मीरपुर की पिच भी स्पिनरों के लिए जानी जाती है और शाकिब इसमें अहम भूमिका निभा सकते थे. उनके न होने से टीम संयोजन पूरी तरह से बिगड़ गया है. कप्तान नजमुल हुसैन शंतो से जब टीम की मानसिक स्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "हां, यह सच है कि हमारी मानसिक स्थिति मुश्किल है, लेकिन यह हमारे नियंत्रण में नहीं है. ज्यादा सोचने से समय बर्बाद होगा, हमें अब मैच पर ध्यान देना होगा क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण टेस्ट सीरीज है."
बांग्लादेश से बाहर क्यों हैं शाकिब
कुछ समय पहले बांग्लादेश में काफी राजनीतिक उथल-पुथल हुई थी. जिसके बाद शाकिब अल हसन के खिलाफ कुछ मामले दर्ज किए गए थे. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम में उनका नाम शामिल किए जाने के बाद उनके खिलाफ काफी विरोध प्रदर्शन हुआ था. कहा गया था कि मैच के दौरान उनकी जान को खतरा हो सकता है. इसी वजह से कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि शाकिब अल हसन बांग्लादेश में नहीं बल्कि दुबई में हैं.
कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि 20 अक्टूबर की दोपहर तक शाकिब की गैरमौजूदगी को लेकर फैंस ने मीरपुर स्टेडियम के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. कुछ फैंस शाकिब के सपोर्ट में थे, जबकि कुछ उनके खिलाफ थे. इस तनावपूर्ण माहौल में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है. ऐसे में यह टेस्ट मीरपुर के इतिहास में सबसे अनोखा साबित हो सकता है.
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