World AIDS Day 2022 : HIV नहीं करेगा इंसान के शरीर में प्रवेश! मिल गया HIV का इलाज, जानें | FYI
Episode Description
साल है २०२२ , लेकिन आज भी अगर आपको पता लग जाए की किसी को HIV हुआ है तो हम उस शक़्स की परवाह करना तो दूर ,उससे सरे रिश्ते तक खत्म कर लेते हैं। महज़ तीन अक्षरों का ये लफ्ज़ HIV अगर किसी की ब्लड रिपोर्ट में आ जाए तो जैसे लाइफ का रिपोर्ट कार्ड ही खराब कर देता है। लेकिन ये भी हो सकता है की ऐसा ना हो ? कैसे ? बात करके।
और इसीलिए मैं मानसी लेकर के आ गयी हूँ ABP LIVE PODCASTS पर FYI जहाँ आज हम बात करेंगे HIV और एड्स के बारे में। उन भ्रांतियों के बारे में जो आपके दिमाग में कैद हैं जिनमें से एक है HIV को ही एड्स समझने की भूल। दोनों में क्या अंतर है ? समाज में HIV आज भी भेदभाव की नज़र से क्यों देखा जाता है ? क्या HIV के केस बढ़ते जा रहे हैं ? sexual intercourse के अलावा वो कौन कौन से कारण हैं जिनसे भी HIV हो सकता है ? HIV का परमानेंट इलाज कब तक मिल जायेगा ? आपकी बॉडी में HIV के बाद कैसे बदलाव आते हैं ? HIV से ग्रसित लोग और उनके आसपास रह रहे लोग कैसे इसे नार्मल स्वीकार करे ? जानें सब कुछ Senior Consultant , Infectious Diseases , Fortis Hospital की डॉ नेहा रस्तोगी पांडा से सिर्फ ABP LIVE PODCASTS पर।
एड्स को लेकर कई सारे मिथक और गलत जानकारियां भी व्याप्त हैं, जिसे दूर करने और एचआईवी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल दुनियाभर में विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इस दौरान लोगों को जानकारी दी जाती है कि एड्स को लेकर बहुत ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। इस बीमारी में औसत आयु भले ही कम हो जाती है लेकिन पीड़ित सामान्य जिंदगी जी सकता है। एचआईवी की शुरुआत जानवरों से हुई। जानकारी के मुताबिक, सबसे पहले 19 वीं सदी में अफ्रीका में खास प्रजाति के बंदरों में एड्स का वायरस पाया गया। बंदरों से इस बीमारी का प्रसार इंसानों तक हुआ। अफ्रीका में बंदर खाए जाते थे। ऐसे में माना गया कि इंसानों में बंदर खाने के कारण वायरस पहुंचा। हर साल एक तय थीम पर विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। World Aids Day 2022 की थीम ' Equalize' है। इसका अर्थ है 'समानता', यानी समाज में फैली हुई असमानताओं को दूर करके एड्स को जड़ से खत्म करने के लिए कदम बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
























