किसी दुर्घटना में पुलिस की प्रतिक्रिया लेट या ना मिले तो क्या हैं आपके हक़, जानिये | FYI
Episode Description
दिल्ली में कोरोना की वजह से 2 साल बाद नए साल का जश्न मना. ख़ुशी ख़ुशी हम इस नए साल में जहाँ एंटर कर ही रहे थे की मायूसी ने देश को घेर लिया जब एक लड़की अंजलि की जिंदगी को कुछ लोगों ने ख़त्म कर दिया। उसके बदन पर कपड़े तो एक भी नहीं बचे. उसके शरीर के पिछले वाले हिस्से की हड्डियां तक सड़क पर रगड़ खाकर दिखने लगीं. पीठ का हिस्सा हो या फिर कूल्हे की हड्डियां. उस कार के नीचे आकर सबकुछ चीख-चीखकर बेहद ही डरावने मंजर की कहानी बयां कर रहे थे. new year की रात अंजलि अपना काम करके लौट रही होती है , स्कूटी से , टक्कर होती है कार से , सहेली भाग जाती है , और अंजलि कार के नीचे फँस जाती है। 12 किलोमीटर तक लड़की का जिस्म कार और सड़क के बीच घिसटता रहा और किसी ने कुछ नहीं देखा। जिसने देख के पुलिस को बताया, तुरंत रिस्पांस नहीं मिला. वैसे दिल्ली पुलिस का किसी शिकायत पर रिस्पॉन्स टाइम औसत करीब 5 मिनट का है. जिस दूध बेचने वाले दीपक ने इस घटना की सूचना 3 बजकर 20 मिनट पर दिल्ली पुलिस को दी थी, उसके बाद कुछ देर में ही अलग-अलग कुल 8 पीसीआर से उनके पास फोन किया गया. दीपक ने बताया कि 5 मिनट में ही 20 से ज्यादा कॉल पुलिस की आई. लेकिन एक भी पुलिसकर्मी तत्काल मौके पर नहीं पहुंचे. इसलिए वो खुद उस कार का पीछा करने लगे जिसके नीचे वो लड़की मौत का सफर कर रही थी. दीपक ने बताया कि करीब 40 मिनट बाद जब लड़की की लाश कार से नीचे गिरी तब वहां पुलिस पहुंच पाई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ 40 मिनट तक कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला था. ऐसे में पुलिस की लापरवाही पे क्या कार्रवाई होनी चाहिए ? खुदा न खास्ता कभी आपके साथ ऐसा हो तो पुलिस पर एक्शन लेने के लिए आपका पहला कदम क्या होना चाहिए , क्या हैं आपके हक़ , जानिए आज FYI में सिर्फ abp live podcasts पर जहाँ मेरे साथ सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विराज कदम जुड़ चुके हैं। किसी दुर्घटना में पुलिस की प्रतिक्रिया लेट या ना मिले तो क्या हैं आपके हक़, जानिये
























