Manipur Violence : भीड़ को भी मृत्युदंड दिया जा सकता है ! भीड़ के अपराध में IPC में सज़ा के क्या प्रावधान हैं ? जानें | FYI
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मणिपुर में बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा भड़के 78 दिन हो गए हैं. इतने दिन बाद जब आज फ़ोन पे नोटिफिकेशन आया मणिपुर वायलेंस का तो लगा शायद विवाद सुलझ गया हो, लेकिन रूह काँप जाती है कि हिंसा की सारी हदें पार हो गयीं, एक प्रोटेस्ट भयंकर अपराध में बदल गया है और उससे भी ज़्यादा सोचने वाली बात ये कि उस भयावह घटना को 77 दिन हो गए हैं, जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया और बलात्कार किया गया. अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज किए जाने के 63 दिन बाद भी अपराधी अभी भी फरार हैं ?सवाल है कि समाज में ऐसा कैसे हो गया ? लॉ एंड आर्डर क्या है भी ? क्या इंसानियत है भी ? महिलाओं पे क्रोध क्यों ? इस घिनोने काम के बाद सज़ा क्या होगी ? क्या कोई ऐसी सजा होगी कि कोई और ऐसा करने के बारे में सोचने से कांपे ? आज ऐसे मुद्दों पे बातचीत होगी, क्यूंकि बात करना अब बेहद ज़रूरी हो चुका है। मैं मानसी हूँ आपके साथ लेकर FYI और मेरे साथ जुड़ने जा रहे हैं अधिवक्ता शशांक शुधि ABP Live Podcasts पर
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