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Ambaji Temple Gujarat: गुजरात का वो मंदिर जहां नहीं है किसी की मूर्ति, हर महीने "अष्टमी" पर फिर किसकी होती है पूजा? देखें तस्वीरें

(अंबाजी मंदिर की तस्वीरें, फोटो क्रेडिट- गुजरात टूरिज्म)

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गुजरात के उत्तरी हिस्से में अरावली की पर्वत श्रृंखलाओं के बीच अंबाजी मंदिर विराजमान है. अंबाजी मंदिर एक विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है. पुराणों में बताया गया है कि पहले यहां अंबिका वन नामक वन था. अंबाजी समुद्र तल से 1580 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. अंबाजी के मंदिर में देवी की वास्तविक मूर्ति की पूजा नहीं होती है. इसके बजाय मंदिर में बीसा यंत्र की पूजा की जाती है.
गुजरात के उत्तरी हिस्से में अरावली की पर्वत श्रृंखलाओं के बीच अंबाजी मंदिर विराजमान है. अंबाजी मंदिर एक विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है. पुराणों में बताया गया है कि पहले यहां अंबिका वन नामक वन था. अंबाजी समुद्र तल से 1580 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. अंबाजी के मंदिर में देवी की वास्तविक मूर्ति की पूजा नहीं होती है. इसके बजाय मंदिर में बीसा यंत्र की पूजा की जाती है.
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मान्यता के अनुसार, गर्भगृह में रखा गया यंत्र उज्जैन और नेपाल में शक्तिपीठों के अंदर रखे गए मूल यंत्र से जुड़ा है. माना जाता है कि यंत्र में इक्यावन अक्षर होते हैं. यंत्र पर पूजा प्रत्येक माह की
मान्यता के अनुसार, गर्भगृह में रखा गया यंत्र उज्जैन और नेपाल में शक्तिपीठों के अंदर रखे गए मूल यंत्र से जुड़ा है. माना जाता है कि यंत्र में इक्यावन अक्षर होते हैं. यंत्र पर पूजा प्रत्येक माह की "अष्टमी" को की जाती है. यहां साल भर तीर्थयात्रियों का आना-जाना लगा रहता है.
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हालांकि पूर्णिमा के दिन तीर्थयात्री बड़ी संख्या में मंदिर में झंडे चढ़ाने के लिए आते हैं. धार्मिक दृष्टि से अंबाजी भारत में एक बहुत ही महत्वपूर्ण शक्तिपीठ है. इस स्थान को सरस्वती नदी का स्रोत और
हालांकि पूर्णिमा के दिन तीर्थयात्री बड़ी संख्या में मंदिर में झंडे चढ़ाने के लिए आते हैं. धार्मिक दृष्टि से अंबाजी भारत में एक बहुत ही महत्वपूर्ण शक्तिपीठ है. इस स्थान को सरस्वती नदी का स्रोत और "आद्यशक्ति" का प्रसिद्ध प्राचीन निवास माना जाता है. देवी अम्बा का प्राचीन निवास दो किलोमीटर की दूरी पर गब्बर पर्वत की चोटी पर एक गुफा में स्थित है.
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अंबाजी में नवरात्रि का त्योहार जबरदस्त उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है. हर साल भादरवी पूर्णिमा के दिन यहां मेला लगता है. तीर्थयात्री अंबाजी आने और देवी के दर्शन करने के लिए दूर-दराज के स्थानों से पैदल यात्रा करते हैं.
अंबाजी में नवरात्रि का त्योहार जबरदस्त उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है. हर साल भादरवी पूर्णिमा के दिन यहां मेला लगता है. तीर्थयात्री अंबाजी आने और देवी के दर्शन करने के लिए दूर-दराज के स्थानों से पैदल यात्रा करते हैं.
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कहा जाता है कि इस मंदिर की पूजा पूर्व-वैदिक काल से की जाती रही है. सोने के शंकु के साथ सफेद संगमरमर से बना मंदिर मूल रूप से नागर ब्राह्मणों द्वारा बनाया गया था. इस मंदिर के सामने एक मुख्य प्रवेश द्वार है और केवल एक छोटा सा साइड-डोर है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि माताजी (अंबाजी का दूसरा नाम) ने किसी अन्य दरवाजे को जोड़ने से मना किया है.
कहा जाता है कि इस मंदिर की पूजा पूर्व-वैदिक काल से की जाती रही है. सोने के शंकु के साथ सफेद संगमरमर से बना मंदिर मूल रूप से नागर ब्राह्मणों द्वारा बनाया गया था. इस मंदिर के सामने एक मुख्य प्रवेश द्वार है और केवल एक छोटा सा साइड-डोर है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि माताजी (अंबाजी का दूसरा नाम) ने किसी अन्य दरवाजे को जोड़ने से मना किया है.
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इस मंदिर में देवी की कोई मूर्ति नहीं है, शायद इसलिए कि मंदिर इतना प्राचीन है कि यह मूर्ति-पूजा से पहले का है, लेकिन पुजारी गोख के ऊपरी हिस्से को इस तरह से सजाते हैं कि यह दूर से देवी की मूर्ति की तरह दिखता है. अंबाजी मंदिर से थोड़ी दूरी पर एक बड़ा आयताकार कुंड है, जिसके चारों तरफ सीढ़ियां हैं, जिसे मानसरोवर कहा जाता है. बता दें, इस मंदिर में नवरात्रि पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है.
इस मंदिर में देवी की कोई मूर्ति नहीं है, शायद इसलिए कि मंदिर इतना प्राचीन है कि यह मूर्ति-पूजा से पहले का है, लेकिन पुजारी गोख के ऊपरी हिस्से को इस तरह से सजाते हैं कि यह दूर से देवी की मूर्ति की तरह दिखता है. अंबाजी मंदिर से थोड़ी दूरी पर एक बड़ा आयताकार कुंड है, जिसके चारों तरफ सीढ़ियां हैं, जिसे मानसरोवर कहा जाता है. बता दें, इस मंदिर में नवरात्रि पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है.
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अंबाजी मंदिर कैसे जाएं: अंबाजी मंदिर जाने के लिए बस, ट्रेन और हवाई जहाज उपलब्ध है. मंदिर जाने के लिए आप अपनी सुविधा के अनुसार यात्रा का चयन कर सकते हैं. फ्लाइट के लिए निकटतम हवाई अड्डा एसवीपी अहमदाबाद है.
अंबाजी मंदिर कैसे जाएं: अंबाजी मंदिर जाने के लिए बस, ट्रेन और हवाई जहाज उपलब्ध है. मंदिर जाने के लिए आप अपनी सुविधा के अनुसार यात्रा का चयन कर सकते हैं. फ्लाइट के लिए निकटतम हवाई अड्डा एसवीपी अहमदाबाद है.
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आस-पास के आकर्षण: अंबाजी मंदिर के आस पास कई खूबसूरत स्पॉट हैं. इसके आस पास गब्बर हिल्स, कैलाश टेकरी, मंगल्या वन, श्री कोटेश्वर महादेव मंदिर, बलराम अंबाजी वन्यजीव अभयारण्य, कुंभरिया जैन मंदिर, कैलाश हिल सूर्यास्त, कामाक्षी मंदिर, पोशिना टॉड रॉक और पावापुरी जैन मंदिर है.
आस-पास के आकर्षण: अंबाजी मंदिर के आस पास कई खूबसूरत स्पॉट हैं. इसके आस पास गब्बर हिल्स, कैलाश टेकरी, मंगल्या वन, श्री कोटेश्वर महादेव मंदिर, बलराम अंबाजी वन्यजीव अभयारण्य, कुंभरिया जैन मंदिर, कैलाश हिल सूर्यास्त, कामाक्षी मंदिर, पोशिना टॉड रॉक और पावापुरी जैन मंदिर है.

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