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Rishi Sunak: क्यों ऋषि सुनक ब्रिटेन के लिए एक अच्छे पीएम साबित होंगे? पांच प्वाइंट्स में समझें

Britain News: 42 वर्षीय ऋषि सुनक के ब्रिटिश पीएम बनने को लेकर विशेषज्ञों की अलग-अलग राय है लेकिन ज्यादातर उम्मीद कर रहे हैं कि वह ब्रिटेन के अच्छे पीएम साबित होंगे. आइए 5 प्वॉइंट्स में जानते हैं.

Rishi Sunak as British PM: ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनने के साथ ही ऋषि सुनक ने कई उपलब्धियां अपने नाम कर ली हैं. वह ब्रिटेन के 200 वर्षों से ज्यादा के इतिहास में सबसे युवा प्रधानमंत्री हैं. ब्रिटेश की सत्ता के शीर्ष पद पर काबिज होने वाले वह पहले एशियाई और भारतीय मूल के शख्स हैं. वह ब्रिटेन के पहले अश्वेत प्रधानमंत्री हैं. 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन्स में ऋषि सुनक सबसे अमीर नेता हैं. 2015 में वह पहली बार सांसद बने थे. इससे पहले वह ब्रिटेन के वित्त मंत्री रह चुके हैं. कई जानकारों का मत है कि ऋषि सुनक ब्रिटेन के लिए अच्छे प्रधानमंत्री साबित होंगे. आइए पांच प्वॉइंट्स के जरिये समझते हैं.

1. कोरोनाकाल में अर्थव्यवस्था को संभाला

2020 में कंजर्वेटिव पार्टी में ऋषि सुनक की रैंक ऊपर उठी और वह सबसे कम उम्र के वित्त मंत्रियों में से एक बन गए. ब्रिटेन में जब कोविड 19 महामारी का हमला हुआ तो सुनक ने कंजर्वेटिव नेताओं की बड़े पैमाने पर उधार लेकर आर्थिक मंदी के जोखिम को टालने की सोच को खारिज कर दिया था. इस बात ने उन्हें देश के सबसे लोकप्रिय राजनेताओं में से एक बना दिया. व्यवसायों और मजदूरों की मदद करने के लिए उनकी तारीफ की गई. 

उनकी एक तस्वीर सामने आई थी. इस तस्वीर के जरिये यह जाहिर किया गया कि उनकी बचाव योजनाओं के पीछे एकजुटता की भावना थी. दरअसल, सुनक ने डाउनिंग स्ट्रीट कार्यालय के बाहर ब्रिटेन के सबसे बड़े ट्रेड यूनियन समूह और एक प्रमुख नियोक्ता समूह के प्रमुखों के साथ तस्वीर के लिए पोज दिया था. हालांकि, वह एकजुटता बाद में गायब हो गई क्योंकि ब्रिटेन 400 बिलियन पाउंड के अतिरिक्त कर्ज के संकट से निकला और फिर एक जीवन-यापन संकट में घिर गया.

सर्वेक्षणों से पता चला इस साल की शुरुआत में सुनक का स्टॉक जनता के साथ गिर गया था. इसके पीछे जनता की जीवन यापन को लेकर चिंता बताई गई, वह इस बात से नाराज थी कि सुनक ने पेरोल टैक्स बढ़ा दिया था जबकि उनकी पत्नी ने ब्रिटिश लेवी से परहेज किया था.

2. टोरी सांसदों का सुनक पर भरोसा

बताया जा रहा है कि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को संकट से निकालने के लिए टोरी सांसदों ने उनके समर्थन के रूप में यह जिम्मेदारी सुनक को दी है. सुनक के समर्थकों का कहना है कि लिज ट्रस टैक्स कटौती के लिए जो मिनी बजट लाई थीं, उसके बाद बॉन्ड और स्टर्लिंग बेचने वाले निवेशकों के साथ ब्रिटेन की विश्वसनीयता बहाल करने में पूर्व वित्त मंत्री सही साबित होंगे. 

हालांकि, गोल्डमैन सैक्स के पूर्व विश्लेषक और हेज फंड पार्टनर रहे सुनक को गवर्निंग कंजर्वेटिव पार्टी के भीतर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. यही वजह है कि अपनी उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए सुनक को जताना पड़ा कि उनके पास ऐसा ट्रैक रिकॉर्ड है जिससे यह पता चलता है कि वह कैसे अर्थव्यवस्था को पटरी पर ला सकते हैं, पार्टी को एकजुट कर सकते हैं और देश के लिए काम कर सकते हैं. उन्होंने कहा था, ''मैं जिस सरकार का नेतृत्व करूंगा उसमें हर स्तर पर ईमानदारी, पेशेवर कुशलता और विश्वसनीयता होगी और मैं काम पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत करूंगा.''

सुनक के समर्थकों का कहना है कि ट्रस के तथाकथित मिनी-बजट के चलते बाजारों में उथल-पुथल के बाद, सरकारी उधारी बढ़ने और गिरवी रखने और पेंशन फंड के बंद होने का डर सताने लगा था. सिर्फ सुनक ही वह व्यक्ति हैं जो ब्रिटेन की आर्थिक हालत में सुधार ला सकते हैं. वहीं, पीएम की रेस से बोरिस जॉनसन के हटने के बाद उनके समर्थकों ने भी सुनक का समर्थन किया है. जॉनसन ने हालांकि, पीएम रेस से हटने के बाद यह सार्वजनिक नहीं किया कि उन्होंने किसका समर्थन किया. इससे उनकी गिनती भी लोकप्रिय राजनेताओं में होने लगी है.

3. सुनक के पास खास क्वालिटी

विशेषज्ञों का मानना है कि ऋषि सुनक के पास प्रधानमंत्री बनने के सभी गुण हैं. नेतृत्व विशेषज्ञ और सलाहकार डेविड क्रेग व्हाइट मेट्रो न्यूज से कहा कि वह मानते हैं कि ऋषि सुनक के पास पीएम के रूप में काम करने के लिए नेतृत्व के गुण हैं. उन्होंने कहा कि सुनक धैर्यवान, पेशेवर और डेटा पेश करने की शैली वाले हैं, जो कि उन्हें डाउनिंग स्ट्रीट के लिए एकदम फिट बनाती है. व्हाइट ने कहा कि सुनक की शांत और रचनात्मक शैली उन्हें जनता का भरोसा जीतने में मदद करेगी और उनका कम्यूनिकेशन स्किल उन्हें बाकी लोगों से अलग खड़ा करता है. उन्होंने कहा कि वह देश के अब तक के सबसे चुनौतीपूर्ण समय में से एक के दौरान बोरिस जॉनसन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे और जबकि उनके साथी घबराए हुए थे और उनमें आत्मविश्वास की कमी थी.

सुनक हमेशा शांत, आत्मविश्वास से लबरेज और रचनाशील दिखाई देते थे और हमेशा एक एक्शन प्लान के साथ तैयार दिखाई देते थे. लोगों को ऐसे नेताओं की जरूरत है, जिन पर यह भरोसा किया जा सके कि देश चलाने के लिए सही निर्णय ले सकेंगे. व्हाइट ने कहा कि बोरिस के पास संवाद करने का अपना खास तरीका था लेकिन ऋषि सुनक के पास अपना तरीका है जो उन्हें एक अच्छा नेता बना सकता है. उन्होंने कहा, ''मैं नहीं मानता कि देश में कोई किसी राजनेता पर भरोसा करता है. वे बस उसी की तलाश करते हैं जो उन्हें लगता है कि अन्य विकल्पों की तुलना में उस पर ज्यादा भरोसा कर सकते हैं. 

4. सुनक के ट्रैक रिकॉर्ड पर विशेषज्ञ बना रहे राय

बेयस बिजनेस स्कूल में असिस्टेंट प्रोफेसर अमांडा गुडऑल का कहना है कि सुनक अभी जवान हैं, उनकी परवरिश शानदार रही है, संसद में सभी को साथ लेकर चल पाएंगे, पता नहीं. यॉर्क विश्वविद्यालय में एक पॉलिटिक्स लेक्चरर अन्ना सैंडर्स ने कहा कि हम सुनक के रिकॉर्ड के बारे में जानते हैं, इसलिए अनुमान लगा सकते हैं कि वह क्या कर सकते हैं. 

अन्ना ने कहा कि पहले उन्होंने आयकर की मूल दर को 20 फीसदी से घटाकर 16 फीसदी करने का वादा किया था और कंजर्वेटिव इस कम टैक्स को वित्तीय विवेक दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. यह संभावना नहीं है कि हम कोई बड़ा खर्च देखेंगे और मुझे संदेह है कि हम सार्वजनिक खर्च में भारी वृद्धि देखेंगे लेकिन मैं दूसरी बात सोच रही हूं कि उन्होंने पहले कहा था कि पारंपरिक आर्थिक मूल्यों पर लौटने की जरूरत है. सैंडर्स ने कहा, ''सुनक ने पहले कहा था कि हमें पारंपरिक ईमानदारी और जिम्मेदारी पर लौटने की जरूरत है क्यों कि यह कोई परी कथा नहीं है.'' 

5. जमीनी हकीकत को लेकर आगे बढ़ेंगे सुनक

अन्ना ने कहा कि सुनक जब चांसलर थे, तब और अब में स्थिति बदल चुकी है. उन्होंने कहा कि आर्थिक परिदृश्य तब से बदल गया है जब वह पद पर थे. अन्ना ने कहा कि जिस तरह से लोगों ने ट्रस पर भरोसा किया था इससे अंदाजा लगता है कि वे अर्थव्यवस्था को लेकर कैसे पेश आएंगे और सुनक को उनके प्रति स्पष्ट रुख रखना होगा. उन्होंने कहा कि सुनक ने खुद को यथार्थवादी रूप में चित्रित करने की कोशिश की है जबकि ट्रस ने अपनी क्षमता से बाहर के वादे किए जो उनके पतन का कारण बने. उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है कि सुनक आधी-अधूरी नीतियों से बचेंगे जिनके बारे में सोचा नहीं गया है.''

यह भी पढ़ें- Rishi Sunak First Address: 'मैं गलतियों को सुधारने के लिए चुना गया', पीएम इलेक्‍ट किए जाने के बाद पहले संबोधन में बोले ऋषि सुनक

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