जिस अंतरिक्ष यान से सुनीता विलियम्स आई थीं धरती पर, उसी से शुभांशु शुक्ला जाएंगे ISS, जानें ताजा अपडेट
क्रू ड्रैगन को एक बार नहीं बल्कि कई बार इस्तेमाल में लाया जा सकता है. इसे 15 मिशनों तक उपयोग के लिहाज से डिजाइन किया गया है. ये आईएसएस के साथ अपने आप जुड़ सकता है, जिससे मिशन सुरक्षित और आसान होता है.

Astronaut Shubhanshu Shukla: जिस अंतरिक्ष यान से नासा की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से वापस धरती पर लाया गया था, उसी से अब भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 8 जून 2025 को ISS पर जाने वाले थे, लेकिन अब उनका मिशन फिलहाल टल गया है.
एक्सिओम स्पेस के प्रवक्ता ने मंगलवार (3 जून, 2025) को जानकारी देते हुए बताया कि आईएसएस के लिए एक्सिओम स्पेस मिशन 10 जून तक टाला गया है, जिसमें भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को भी जाना है.
स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल जो कि आधुनिक अंतरिक्ष यान है, इसी में सवार होकर शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले थे, जो अन्य तीन लोगों को धरती से लगभग 400 किमी दूर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक ले जाने वाला था. हालांकि, अब 10 जून तक के लिए इस कार्यक्रम को टाल दिया गया है.
ड्रैगन कैप्सूल की खासियत
क्रू ड्रैगन को एक बार नहीं बल्कि कई बार इस्तेमाल में लाया जा सकता है. इसे 15 मिशनों तक उपयोग के लिहाज से डिजाइन किया गया है. ये आईएसएस के साथ अपने आप जुड़ सकता है, जिससे मिशन सुरक्षित और आसान होता है. इसमें 7 यात्रियों को ले जाया सकता है, लेकिन आमतौर पर 4 यात्रियों के साथ ही ये उड़ान भरता है. क्रू ड्रैगन अपने साथ 6000 किलो तक सामान ले जा सकता है.
शुभांशु शुक्ला का मिशन टला
ये मिशन भारत के लिए कई मायनों में बेहद खास है. इसके जरिए भारत इतिहास रचने वाला है. शुभांशु शुक्ला 1984 के बाद अंतरिक्ष जाने वाले पहले भारतीय यात्री होंगे. साल 2026 में भारत मिशन गगनयान लॉन्च करने वाला है. इस मिशन के जरिए हमें काफी कुछ सीखने को मिलेगा. इसके अलावा भारत के 7 प्रयोग माइक्रोग्रैविटी में अनुसंधान को बढ़ावा देंगे. वहीं यह मिशन नासा, ईएसए और स्पेस एक्स के साथ भारत के बढ़ते सहयोग को दर्शाता है.
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Source: IOCL























