(Source: ECI / CVoter)
Russia-Ukraine War: परमाणु युद्ध को रोकने में पीएम मोदी और शी जिनपिंग अहम, CIA चीफ बिल बर्न्स ने जानें ऐसा क्यों कहा
Russia-Ukraine War: CIA चीफ बिल बर्न्स का दावा है कि यूक्रेन युद्ध का हश्र देख चीन अपने ताइवान प्लान को रिव्यू करने पर मजबूर हो गया. यूक्रेन के डटकर खड़े हो जाने के कारण चीन भी घबराया हुआ है.
Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध पर CIA चीफ बिल बर्न्स का बड़ा बयान सामने आया है. बिल बर्न्स के मुताबिक, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने परमाणु हथियारों के प्रति अपना विरोध स्पष्ट किया, यह बेहद महत्वपूर्ण है. इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत और चीन का जिक्र किया था. इसके दो दिन बाद CIA चीफ का बयान आया है.
रविवार को सीबीएस न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में, जब उनसे पिछले साल तुर्की में रूसी विदेशी खुफिया प्रमुख सर्गेई नारिश्किन के साथ मुलाकात के बारे में पूछा गया, तो बर्न्स ने कहा कि बातचीत निराशाजनक थी. उन्होंने कहा, मेरा लक्ष्य सिर्फ बातचीत करना नहीं था.
परमाणु हथियारों के सन्दर्भ में उन्होंने कहा कि नारिश्किन ने इस मुद्दे की गंभीरता को समझा और पुतिन ने भी ऐसा ही किया. मुझे लगता है कि यह भी बहुत मूल्यवान है कि चीनी नेतृत्व और भारत में प्रधान मंत्री मोदी ने भी परमाणु हथियारों के किसी भी उपयोग के लिए अपना विरोध स्पष्ट किया है. बिल बर्न्स ने भी माना कि परमाणु युद्ध को रोकने में भारत और चीन का बड़ा योगदान रहा है.
'पुतिन अहंकारी हैं'
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने बातचीत को निराशाजनक क्यों पाया, बर्न्स ने कहा कि उन्हें बातचीत के दौरान समझ आया कि पुतिन में अभी भी अहंकार की भावना है. साथ ही बर्न्स ने कहा कि पुतिन यूक्रेन को कमजोर करने के लिए अपनी क्षमता पर पूरी तरह से आश्वस्त बना हुआ है. बर्न्स ने यह भी कहा कि चीन विचार कर रहा था, लेकिन अभी तक यह तय नहीं किया था कि रूस को घातक आपूर्ति प्रदान की जाए या नहीं.
युद्ध का हश्र देख घबराया चीन
इस दौरान बिल बर्न्स ने दावा किया कि यूक्रेन युद्ध का हश्र देख चीन अपने ताइवान प्लान को रिव्यू करने पर मजबूर हो गया है. रूस जैसी सैन्य शक्ति के सामने यूक्रेन के डटकर खड़े हो जाने के कारण चीन भी घबराया हुआ है. उन्होंने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ताइवान पर आक्रमण करने के लिए अपने देश की सेना को "2027 तक तैयार रहने" का निर्देश दिया है. हालांकि वह वर्तमान में यूक्रेन के साथ अपने युद्ध में रूस के अनुभव को देखते हुए ऐसा करने की अपनी क्षमता पर संदेह कर सकते हैं.
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