Russia Ukraine War Live Updates: जंग के बीच ज़ेलेंस्की का बड़ा आरोप, बोले- मदद की जगह टालमटोल कर रहे पश्चिमी देश
इस युद्ध ने सैनिकों के मानसिक स्थिति पर भी काफी प्रभाव डाला है. युद्ध के दौरान हावी होती निराशा सैनिकों के आगे एक बड़ी चुनौती है.

Background
Russia Ukraine War Live Updates: रूस यूक्रेन के बीच चल रहे जंग को एक महीना हो गया है. 32 दिनों से चल रही इस जंग में हजारों लोगों की जान जा चुकी है. वहीं लाखों लोग अपने अपने परिवार की जान बचाने के लिए पड़ोसी देशों में पलायन कर चुके हैं. यूक्रेन पर लगातार कर रहे हमले के बीच रूस पर तमाम प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं, लेकिन हासिल कुछ नहीं हुआ.
दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत भी हुई, लेकिन इस बातचीत से कोई हल सामने नहीं आया. नतीजन अपने कईं बड़े शहरों को बर्बाद होते देखने के बाद अब ना यूक्रेन झुकने को तैयार है ना रूस. इस युद्ध ने सैनिकों के मानसिक स्थिति पर भी काफी प्रभाव डाला है. युद्ध के दौरान हावी होती निराशा सैनिकों के आगे एक बड़ी चुनौती है.
3,825 रूसी सैनिक घायल
रूस के सैन्य जनरल स्टॉफ के उप प्रमुख ने बीते शुक्रवार जानकारी दी कि इस जंग नें अब तक 1,351 रूसी सैनिक मारे गए हैं. जबकि 3,825 रूसी सैनिक घायल हुए हैं. वहीं नाटो द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 1 महीने से चल रहे इस युद्ध में अबतक 15 हजार रूसी सैनिक मारे गए हैं. रूसी आंकड़े में पूर्वी यूक्रेन में लड़ रहे रूस समर्थित अलगाववादियों को शामिल नहीं किया गया है.
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यूक्रेन के एक अलगाववादी नेता ने कही जनमत संग्रह की बात
पूर्वी यूक्रेन में लुहांस्क क्षेत्र के एक अलगाववादी नेता ने कहा है कि उनका क्षेत्र रूस में शामिल होने के लिए जनमत संग्रह करना चाहता है. ‘लुहांस्क पीपुल्स रिपब्लिक’ के प्रमुख लियोनिद पासेचनिक ने रविवार को कहा कि वह आगामी दिनों में एक जनमत संग्रह करा सकते हैं, जिसमें भाग लेने वाले लोगों से पूछा जा सकता है कि क्या वे इस क्षेत्र को रूस का हिस्सा बनाने का समर्थन करते हैं.
अब आईएमएफ ने दी है ये चेतावनी
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जीवा ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन में रूस के युद्ध के कारण उत्पन्न वैश्विक आर्थिक तनाव पश्चिम एशिया और उसके बाहर नागरिक अशांति को भड़का सकता है. कतर में दोहा फोरम में जॉर्जीवा ने कहा कि रूस के आक्रमण और उस पर लगाए गए प्रतिबंधों ने दुनिया के सबसे गरीब लोगों को संकट का सामना करने के लिए मजबूर किया है, क्योंकि वे खाद्यान्न की बढ़ी हुई लागत और नौकरियों के संकट से जूझ रहे हैं.
Source: IOCL






















