एक्सप्लोरर

यूक्रेन पर हमला करने के लिए रूस कर सकता है 'फॉल्स फ्लैग' का इस्तेमाल, जानें क्या है ‘फॉल्स फ्लैग हमला’

रूस और यूक्रेन के बीच विवाद काफी गर्माता दिख रहा है. इस बीच अमेरिकी अधिकारियों ने आगाह किया है कि रूस ‘‘फॉल्स फ्लैग’’ अभियान के जरिए यूक्रेन पर हमला करने की तैयारी कर रहा है.

अमेरिकी अधिकारी पिछले कुछ हफ्तों से कई बार आगाह कर चुके हैं कि रूस ऐसी योजना बना रहा है कि उसकी सेना पर हमला होता दिखे और वह इसकी तस्वीरें दुनिया को दिखा सके. अमेरिकी अधिकारियों का आरोप है कि इस तरह का ‘‘फॉल्स फ्लैग’’ अभियान रूस को यूक्रेन पर हमला करने का बहाना प्रदान करेगा.

‘‘फॉल्स फ्लैग’’ एक ऐसी सैन्य कार्रवाई होती है जहां पर एक देश छिपकर, जानबूझकर स्वयं की संपत्ति, इंसानी जान को नुकसान पहुंचाता है जबकि दुनिया के सामने वह यह बताता है कि उसके दुश्मन देश ने ऐसा किया है. इसकी आड़ में ऐसा करने वाला देश अपने शत्रु देश पर हमला कर देता है.

सैटेलाइट के कारण नहीं हो सकते ‘‘फॉल्स फ्लैग’’ हमले

इस योजना का भंडाफोड़ करते हुए बाइडन प्रशासन क्रेमलिन को युद्ध को जायज ठहराने वाले इस तरह का आधार बनाने से रोकना चाहता है. लेकिन इस तरह के ‘‘फॉल्स फ्लैग’’ हमले अब नहीं हो सकते, क्योंकि उपग्रह से ली गई तस्वीरें और मैदान के सजीव वीडियो व्यापक रूप से और तुरंत इंटरनेट पर साझा किए जाते हैं. ऐसे में आज फॉल्स फ्लैग हमले की जिम्मेदारी से बचना एक मश्किल काम है.

‘‘फॉल्स फ्लैग’’ हमला और इसमें शामिल आरोपी देशों का एक लंबा इतिहास रहा है. इस शब्द की उत्पत्ति समुद्री लुटेरों के लिए हुई जो मैत्रीपूर्ण (और झूठे) झंडों को लगाकर व्यापारी जहाजों को पर्याप्त रूप से नजदीक आने के लिए आकर्षित करते थे ताकि उन पर हमला किया जा सके.

बीसवीं शताब्दी में हुआ ‘‘फॉल्स फ्लैग’’ का इस्तेमाल

बीसवीं शताब्दी में ‘‘फॉल्स फ्लैग’’ से जुड़े कई मामले हैं. वर्ष 1939 में नाजी जर्मनी के एजेंटों ने पोलैंड की सीमा के निकट एक जर्मन रेडियो स्टेशन से जर्मन-विरोधी संदेश प्रसारित किए. उन्होंने कई नागरिकों की भी हत्या कर दी, जिन्हें उन्होंने पोलैंड पर जर्मनी के नियोजित आक्रमण का बहाना बनाने के लिए पोलिश सैन्य वर्दी पहनाई थी. उसी वर्ष सोवियत संघ ने फिनलैंड की सीमा के पास से सोवियत क्षेत्र में गोले दागे और फिनलैंड को दोषी ठहराया.

अमेरिका को भी इसी तरह की साजिशों में फंसाया गया है. ‘ऑपरेशन नॉर्थवुड्स’ का प्रस्ताव अमेरिकियों को मारने और कास्त्रो पर हमला करने का आरोप लगाने के लिए था, ताकि सेना को क्यूबा पर आक्रमण करने का बहाना मिल जाए. हालांकि कैनेडी प्रशासन ने अंततः योजना को खारिज कर दिया.

वर्ष 1898 में जहाज ‘यूएसएस मेन’ का डूबना और 1964 में टोंकिन की खाड़ी की घटना- जिनमें से प्रत्येक को युद्ध को जायज ठहराने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया था - को संभावित ‘फॉल्स फ्लैग’ हमलों में शामिल किया जाता है, लेकिन इन आरोपों का समर्थन करने वाले सबूत कमजोर हैं.

वैश्विक मौजूदगी और दुष्प्रचार

हाल में आरोप लगाया गया था कि बुश प्रशासन ने नागरिक स्वतंत्रता पर प्रतिबंधों को सही ठहराने और इराक पर हमला करने की नींव रखने के लिए ट्विन टावरों को नष्ट करने की योजना बनाई थी. अगर लोग मानते हैं कि फॉल्स फ्लैग हमले होते हैं, तो इसका कारण यह नहीं कि ऐसा होना आम बात है. बल्कि लोग समझते हैं कि राजनेता भ्रष्ट होते हैं और संकटों का लाभ उठाते हैं. उदाहरण के लिए बुश प्रशासन ने 9/11 के हमलों का इस्तेमाल इराक पर अपने आक्रमण के लिए समर्थन जुटाने में किया था.

विश्वसनीयता की चुनौती

यह मानने की इच्छा कि नेता इस तरह के अत्याचार करने में सक्षम हैं, दुनियाभर में सरकारों के प्रति बढ़ते अविश्वास को दर्शाता है. संयोगवश यह ‘फॉल्स फ्लैग’’ हमलों को अंजाम देने का इरादा रखने वाले नेताओं के लिए मामलों को जटिल बनाता है. इसके अलावा स्वतंत्र जांचकर्ता के कारण सरकारों के लिए कानूनों और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के गंभीर उल्लंघन से बचना मुश्किल हो जाता है.

‘‘फॉल्स फ्लैग’’ का विकल्प

रूस के पास आक्रमण के लिए अन्य विकल्प हैं. वर्ष 2014 में क्रीमिया में अपनी घुसपैठ की शुरुआत में क्रेमलिन ने यूक्रेन के प्रतिरोध को रोकने और घरेलू सहमति हासिल करने के लिए जिस उपाय का इस्तेमाल किया उसमें दुष्प्रचार और धोखा शामिल था. इसके विपरीत फॉल्स फ्लैग अभियान जटिल है और शायद अधिक नाटकीय है, जो अवांछित जांच को आमंत्रित करता है. फॉल्स फ्लैग हमले जोखिम भरे होते हैं, जबकि जायज आधार बनाने के इच्छुक नेताओं के पास सूक्ष्म और कम खर्चीले वाले विकल्पों की भरमार है जिसमें से वह किसी का भी चयन कर सकते हैं.

इसे भी पढ़ेंः
चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए राहुल, प्रियंका और अखिलेश, यही लोग उड़ाते थे जन धन खाते का मजाक : जेपी नड्डा

बर्फ से ढके पहाड़ी इलाकों में वैक्सीन पहुंचाने के लिए सेना का जुगाड़, ड्रोन से कर रहे सप्लाई

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

Russia-Ukraine War: जेलेंस्की-ट्रंप की मुलाकात से पहले बढ़ा तनाव! कीव में जोरदार धमाकों से दहशत
जेलेंस्की-ट्रंप की मुलाकात से पहले बढ़ा तनाव! कीव में जोरदार धमाकों से दहशत
वाह Taj नहीं कहां है ताज बोलिए! घने कोहरे में ताजमहल हुआ गायब, सैलानी नहीं कर पा रहे दीदार
वाह Taj नहीं कहां है ताज बोलिए! घने कोहरे में ताजमहल हुआ गायब, सैलानी नहीं कर पा रहे दीदार
Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi: मिहिर और तुलसी का होगा महामिलन? नॉयना को अपने फैसले पर होगा पछतावा
मिहिर और तुलसी का होगा महामिलन? नॉयना को अपने फैसले पर होगा पछतावा
खत्म होगा रूस-यूक्रेन युद्ध? जेलेंस्की ने पीस प्लान को लेकर दिया बड़ा अपडेट; ट्रंप के साथ जल्द होगी मुलाकात
खत्म होगा रूस-यूक्रेन युद्ध? जेलेंस्की ने पीस प्लान को लेकर दिया बड़ा अपडेट; ट्रंप के साथ जल्द होगी मुलाकात

वीडियोज

Rajasthan के बाद अब UP में खाप का नया फरमान, बच्चों को मोबाइल दिया तो होगी सख्त कार्रवाई
Cold Wave: उत्तर प्रदेश में कोहरे और ठंड का रेड अलर्ट जारी | Weather | IMD Alert | Breaking
Top News: 8 बजे की बड़ी खबरें | Unnao Case | Bangladesh | SIR | UP | Salman Khan Birthday |Pollution
Salman Khan Birthday: 60 साल के हुए 'सुल्तान', बर्थडे पार्टी में लगा सितारों का मेला | Bollywood
Top News: 7 बजे की बड़ी खबरें | Unnao Case | Bangladesh | SIR | UP | Salman Khan Birthday |Pollution

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Russia-Ukraine War: जेलेंस्की-ट्रंप की मुलाकात से पहले बढ़ा तनाव! कीव में जोरदार धमाकों से दहशत
जेलेंस्की-ट्रंप की मुलाकात से पहले बढ़ा तनाव! कीव में जोरदार धमाकों से दहशत
वाह Taj नहीं कहां है ताज बोलिए! घने कोहरे में ताजमहल हुआ गायब, सैलानी नहीं कर पा रहे दीदार
वाह Taj नहीं कहां है ताज बोलिए! घने कोहरे में ताजमहल हुआ गायब, सैलानी नहीं कर पा रहे दीदार
Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi: मिहिर और तुलसी का होगा महामिलन? नॉयना को अपने फैसले पर होगा पछतावा
मिहिर और तुलसी का होगा महामिलन? नॉयना को अपने फैसले पर होगा पछतावा
खत्म होगा रूस-यूक्रेन युद्ध? जेलेंस्की ने पीस प्लान को लेकर दिया बड़ा अपडेट; ट्रंप के साथ जल्द होगी मुलाकात
खत्म होगा रूस-यूक्रेन युद्ध? जेलेंस्की ने पीस प्लान को लेकर दिया बड़ा अपडेट; ट्रंप के साथ जल्द होगी मुलाकात
DSP दीप्ति शर्मा ने रच डाला इतिहास, ऐसा करने वाली पहली भारतीय गेंदबाज बनीं
DSP दीप्ति शर्मा ने रच डाला इतिहास, ऐसा करने वाली पहली भारतीय गेंदबाज बनीं
मुंबई पुलिस ने सलमान खान के मैनेजर की हटाई सिक्योरिटी, हंसल मेहता की सुरक्षा भी ली वापस
मुंबई पुलिस ने सलमान खान के मैनेजर की हटाई सिक्योरिटी, हंसल मेहता की सुरक्षा भी ली वापस
सपने में चिल्लाने पर भी क्यों नहीं निकलती है आवाज, क्या है इसके पीछे का साइंस
सपने में चिल्लाने पर भी क्यों नहीं निकलती है आवाज, क्या है इसके पीछे का साइंस
पंजाब में नौकरी पाने का मौका, राज्य में निकली बंपर भर्ती, इतनी मिलेगी सैलरी
पंजाब में नौकरी पाने का मौका, राज्य में निकली बंपर भर्ती, इतनी मिलेगी सैलरी
Embed widget