बांग्लादेश में PM शेख हसीना के इस्तीफे की मांग, अवामी लीग की शांति रैली में हुआ उपद्रव, जानें क्यों हो रहा बवाल?
Bangladesh: प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे मुख्य विपक्षी दल के कार्यकर्ता पुलिस के साथ भिड़ गए. इस दौरान उन्होंने दर्जनों वाहनों को आग लगा दी गई और सरकारी इमारतों में तोड़फोड़ की.

Protest in Bangladesh: बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर शनिवार (28 अक्टूबर) को हुए विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस की झड़प हो गई और एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने दर्जनों वाहनों को आग लगा दी और सरकारी इमारतों में तोड़फोड़ की. इससे पहले राजधानी ढाका में हजारों लोग एकत्रित हुए और शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. पुलिस ने झड़पें शुरू होने पर आंसू गैस और रबर की गोलियां दागीं.
प्रधानमंत्री हसीना का इस्तीफा मांग
यह विरोध प्रदर्शन पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने आयोजित किया था. बीएनपी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की मांग को लेकर प्रधानमंत्री हसीना का इस्तीफा मांग रही है. प्रदर्शन के मद्देनजर सरकार ने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अर्धसैनिक सीमा रक्षकों को तैनात किया था.
उपद्रवियों पर एक्शन लेगी पुलिस
प्रत्यक्षदर्शियों और निजी टीवी चैनलों के अनुसार बीएनपी कार्यकर्ताओं ने ककरैल इलाके में एक पुलिस बूथ को आग लगा दी, मुख्य न्यायाधीश के आवास पर पथराव किया और कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया.
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच के प्रमुख हारुनूर रशीद ने मीडिया से कहा, " जिन बीएनपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सरकारी प्रतिष्ठानों और संपत्ति पर हमला किया है. उनपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी."
जारी रहेंगे प्रदर्शन
बीएनपी के प्रवक्ता जहीर उद्दीन स्वपन ने न्यूज एएफपी को बताया कि उनकी रैली में दस लाख से अधिक लोग थे. उन्होंने कहा कि अगर हसीना स्वेच्छा से पद नहीं छोड़ती हैं तो पार्टी हड़ताल और नाकेबंदी जैसे और अधिक आक्रामक विरोध प्रदर्शन करेगी.
अमेरिका ने दी प्रतिबंध की धमकी
2009 में सत्ता में आने के बाद से कड़ा नियंत्रण बनाए रखने वाली हसीना पर सत्तावाद, मानवाधिकारों के उल्लंघन, स्वतंत्र भाषण पर रोक लगाने और अपने आलोचकों को जेल में डालने के साथ-साथ असहमति को दबाने का आरोप है. इस साल मई में अमेरिका ने 2014 और 2018 के चुनाव में हेराफेरी करने और लोकतंत्रित प्रक्रिया को नजरअंदाज करने चलते बांग्लादेश पर प्रतिबंध लगाने धमकी दी थी.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL






















