(Source: ABPLIVE पत्रकारों का Exit Poll)
पाकिस्तान में सुरक्षाबलों ने मचाया कत्लेआम,TLP कार्यकर्ताओं को गोलियों से भूना, 280 की मौत; मौलाना साद अरेस्ट
गाजा प्लान के खिलाफ तहरीक-ए-लब्बैक ने इस्लामाबाद कूच करने का ऐलान किया था, वहां जाकर TLP कार्यकर्ता US दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन करना चाहते थे, लेकिन शहबाज सरकार ने उन्हें जाने से रोक दिया.

पाकिस्तान के मुरीदके शहर में सोमवार (13 अक्टूबर, 2025) को पाकिस्तानी रेंजर्स और पाकिस्तानी पुलिस ने मिलकर बड़ा नरसंहार किया और महज तीन घंटे में 280 से ज़्यादा लोगों की जान ले ली. इस नरसंहार में 1900 से ज़्यादा निहत्थे लोग गोली लगने से घायल हो गए. ये गोलीबारी पाकिस्तानी रेंजर्स और पाकिस्तानी पुलिस ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के शेखपुरा जिले में पड़ने वाले मुरीदके शहर में की, जहां तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान (TLP) नाम के कट्टरपंथी संगठन का काफिला इस्लामाबाद की तरफ अमेरिका और इजरायल का विरोध करने के लिए जाने वाला था और लाहौर से निकला था.
भारतीय समयानुसार तड़के करीब 4 बजे पाकिस्तानी रेंजर्स और पुलिस ने टीएलपी के हजारों कार्यकर्ताओं को इस्लामाबाद जाने से रोकने के लिए पहले स्मोक ग्रेनेड फेंके और फिर हजारों प्रदर्शनकारियों पर सुबह 9 बजे तक गोलीबारी की, जिसकी गवाही एबीपी न्यूज़ के पास आई टीएलपी के मंच की तस्वीरे दे रही हैं, जहां टीएलपी के कई कार्यकर्ताओं की लाशें पड़ी हैं. इतना ही नहीं पाकिस्तानी रेंजर्स और पुलिस ने मिलकर टीएलपी के मंच को भी आग के हवाले कर दिया. टीएलपी का ये भी दावा है कि पुलिस और रेंजर्स की गोलीबारी में उसके प्रमुख मौलाना साद हुसैन रिज़वी को भी गोली लगी है और गोली लगते ही वो मंच से गिर पड़े. एबीपी न्यूज़ के पास आई वीडियो में मौलाना साद हुसैन रिज़वी पाकिस्तानी रेंजर्स और पुलिस से गोलीबारी रोकने की अपील करते नजर आए.
इस्लामाबाद कूच को अड़े थे TLP कार्यकर्ता
असल में गाज़ा शांति समझौते के विरोध में टीएलपी बीते शुक्रवार को इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास पर अमेरिका और इजरायल के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन करने के लिए लाहौर से हज़ारों कार्यकर्ताओं के हुजूम के साथ निकली थी और इस मार्च को टीएलपी ने लब्बैक या अक्सा मार्च नाम दिया था. हालांकि शुक्रवार को भी मार्च शुरू होते ही पुलिस और रेंजर्स ने लाहौर में गोलीबारी शुरू कर दी थी जिसकी वजह से उस दिन 15 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन इसके बाद भी मौलाना साद हुसैन रिज़वी के नेतृत्व में तहरीक ए लब्बैक का मार्च जारी रहा और शनिवार की रात मुरीदके पहुंचा, जहां दो दिनों तक तहरीक ए लब्बैक पाकिस्तान और पाकिस्तानी सरकार के बीच मार्च इस्लामाबाद तक ना करने को लेकर बातचीत हुई.
शहबाज और नकवी की बैठक में रची गई नरसंहार की पटकथा
शहबाज सरकार और एलटीपी के बीच जब बातचीत निष्प्रभावी रही और टीएलपी इस्लामाबाद तक जाने के लिए अड़ा रहा. कल रात 11 बजे टीएलपी के प्रमुख मौलाना साद रिजवी ने सुबह इस्लामाबाद कूच करने का ऐलान किया था जिसके बाद मार्च शुरू होने से पहले ही पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने एके-47 से निहत्थे प्रदर्शनकारियों को मौत के घाट उतार दिया. टीएलपी के कार्यकर्ताओं पर गोलीबारी से पहले कल पाकिस्तान के गृहमंत्री मोहसिन नकवी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ के बीच देश के बिगड़े हालात पर इमरजेंसी बैठक भी हुई थी, जिसमे आशंका जताई जा रही है कि टीएलपी के काफिले पर गोलीबारी की पटकथा लिखी गई थी.
एक महीने में निहत्थों पर गोलीबारी की तीसरी घटना
पाकिस्तान में निहत्थे लोगों लोगो पर गोलीबारी की ये एक महीने में तीसरी घटना है, जहां पीओके में प्रदर्शनकारियो पर पाकिस्तानी रेंजर्स और पुलिस ने 29 सितंबर और 1 अक्टूबर को गोलीबारी की थी, जिसमें कुल 19 लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद शुक्रवार को लाहौर में 15 लोगों की मौत हुई थी फिर आज पुलिस की गोली का शिकार होने से अब तक 280 लोगों की मौत हो चुकी है और अनुमान जताया जा रहा है कि मौत का आंकड़ा और बढ़ सकता है.
Source: IOCL

























