Shimla Agreement Deal: पाकिस्तान ने कर दी बहुत बड़ी गलती, भारत को मिलेगा फायदा, खुल गया PoK के चुंब को भारत में मिलाने का रास्ता
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शिमला समझौते को Dead Document बताया है. इसके बाद अब भारत के पास चुंब सेक्टर समेत PoK में कब्जे पर फिर से दावा करने का रास्ता खुला गया है.

Pakistan On Shimla Agreement Deal: भारत की तरफ से पाकिस्तान में मौजूद आतंकी अड्डों को ध्वस्त करने और 4 दिन तक चले संघर्ष के बाद अब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने ऐलान किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच 1972 में हुआ शिमला समझौता पूरी तरह से खत्म हो गया है. पाकिस्तानी न्यूज चैनल को इंटरव्यू देते हुए पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा की ना सिर्फ भारत पाकिस्तान के बीच हुआ शिमला समझौता खत्म हो गया है बल्कि यह समझौता अब एक “Dead Document” है.
इतना ही नहीं पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कहा की अब भारत पाकिस्तान के बीच की स्थिति पुरानी वाली है और Line of Control (LoC) को अब सीजफायर लाइन (Ceasfire Line) समझा जाए. साथ ही शिमला समझौता खत्म करार देते हुए पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कहा कि अब भारत पाकिस्तान के विवाद को पाकिस्तान द्विपक्षीय की जगह बहुपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय तरीके से उठा सकता है.
भारत के पास शानदार मौका
22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते को रोक दिया था, जिसके बाद पाकिस्तान ने उस समय शिमला समझौते को स्थगित किया था, लेकिन अब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने अपने नए बयान में शिमला समझौते को पूरी तरह खत्म बताया है. हालांकि शिमला समझौते को खत्म करने के ऐलान का सबसे बुरा असर पाकिस्तान पर ही पड़ सकता हुआ क्योंकि भारत पाकिस्तान के 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने कश्मीर के चुंब शहर जो आजादी के बाद से ही भारत का हिस्सा था उस पर कब्जा कर लिया था. 1972 के शिमला समझौते के तहत इस शहर पर पाकिस्तान के नियंत्रण को बरकार रखा गया था.
चुंब सेक्टर सुरक्षा की लिहाज से काफी महत्वपूर्ण
चुंब सेक्टर सुरक्षा की लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है और 1949 के सीजफायर एग्रीमेंट के तहत भी चुंब भारत का हिस्सा था लेकिन 1965 के युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने चुंब पर कब्जा कर लिया था. युद्ध के बाद चुंब फिर से भारत के नियंत्रण में आ गया था, लेकिन 1971 में पाकिस्तान ने चुंब पर फिर से कब्जा किया और इस बार 1972 के शिमला समझौते के तहत पाकिस्तान को इस पर नियंत्रण मिल गया और पाकिस्तान ने चुंब का नाम बदल कर इफ़्तिकाराबाद भी कर दिया साथ ही चुंब में रहने वाले परिवारों ने पाकिस्तान के कब्जे के बाद भारत में पलायन कर लिया था.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का दावा
आज चुंब पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का हिस्सा है, लेकिन जिस तरह पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने दावा किया की 1972 का शिमला समझौता खत्म हो गया है और Dead Document है. ऐसे में भारतीय सेना के पास फिर से चुंब को भारत में मिलाने का विकल्प पूरी तरह से खुल गया है. 1972 के शिमला समझौते में भारत के हिस्से में भी चोरबाट घाटी की 883 स्क्वायर किलोमीटर जमीन और कुल 4 गांव आये थे, जो आज लेह-लद्दाख केंद्रीय शासित प्रदेश का हिस्सा है.
Source: IOCL






















