'मोदी ने नहीं लगाया गले... मुइज्जू का दौरा जयशंकर की प्लानिंग', पाक एक्सपर्ट ने बताया मालदीवी राष्ट्रपति को बुलाने के पीछे क्या है मकसद
कमर चीमा ने कहा कि मोहम्मद मुइज्जू पहले ऐसे नेता होंगे, जिन्हें पीएम मोदी ने गले नहीं लगाया. उन्होंने इस पर भी सवाल खड़े किए भारत एक छोटे से देश के लिए इतना खर्चा क्यों कर रहा है.
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू सोमवार (7 अक्टूबर, 2024) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले. पाकिस्तान के एक्सपर्ट कमर चीमा का कहना है कि पीएम मोदी ने मुइज्जू से हाथ तो मिलाया, लेकिन उन्हें गले नहीं लगाया. उन्होंने कहा कि ये पीएम मोदी की नाराजगी को दिखाता है. जिस तरह मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के खिलाफ कैंपेन चलाई, उनके मंत्रियों ने गलत बयानबाजी की और भारतीय फौज की वापसी के लिए सख्त रुख अपनाया, उसको पीएम मोदी भूले नहीं हैं.
कमर चीमा का यह भी दावा है कि मोहम्मद मुइज्जू का भारत आना विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की प्लानिंग है. उन्होंने कहा कि भारत अपने आस-पास के छोटे मुल्कों को साथ रखना चाहता है. पाक एक्सपर्ट कमर चीमा ने आगे कहा, 'मेरा ख्याल है मुइज्जू अकेले ऐसे लीडर होंगे, जिन्हें पीएम मोदी ने गले न लगाया हो. पीएम मोदी का मुइज्जू को गले ना लगाना बता रहा है कि वह उसको बता रहे हैं कि जो पहले हुआ वह भूले नहीं हैं. एक तरफ इंडिया आउट कैंपेन चलाई और अब मुइज्जू साहब भारत पहुंच गए.'
कमर चीमा का कहना है कि उन्हें लगता है कि ये सब जो प्लानिंग हुई है, मोहम्मद मुइज्जू को करीब लाने की, उसके पीछे विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर हैं. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि इंडिया आउट से इंडिया फर्स्ट कैंपेन चल गई है. 5 लाख की आबादी का देश और 5 दिन का विजिट. भारत क्यों इतनी इंवेस्टमेंट कर रहा है, सिर्फ चीन की वजह से.'
उन्होंने आगे कहा कि ये पूरा डॉ. जयशंकर का मॉडल है. तीन महीने पहले वह मालदीव गए थे. उन्होंने पीएम मोदी से कहा होगा कि मुइज्जू को बुलाओ. कमर चीमा का दावा है कि एस. जयशंकर ने पीएम मोदी से ये कहा होगा कि वह मुइज्जू को बुलाकर उन्हें महसूस करवाएं कि हम तुम्हें वैल्यू देते हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि भारत के इस मूव के बाद इंडिया आउट कैंपेन और सारी चीजें बदल गई हैं. देखने वाली बात यह है कि मोदी 3.0 की मालदीव के हवाले से क्या एक्सपेक्टेशन हैं और दूसरा ये भी है कि जो जयशंकर करना चाहते हैं, उस पर मोहम्मद मुइज्जू किस तरह रिस्पोंड करते हैं.
कमर चीमा ने कहा, 'मेरा ख्याल है कि जयशंकर साहब ने मॉडल बनाया कि पहले डिप्लोमेसी, मोहब्बत, पॉलिटकली काम चलाना चाहिए. वरना फिर और भी विकल्प मौजूद हैं, लेकिन पहले उस पर नहीं जाना चाहिए. यही वजह है कि उन्होंने ये प्यार मोहम्मद का मॉडल अडॉप्ट किया है. वरना छोटे से मुल्क के लिए इतना खर्चा करने की क्या जरूरत है.' मालदीव के राष्ट्रपति रविवार को भारत पहुंचे थे और वह 10 अक्टूबर तक के लिए भारत के दौरे पर हैं.