मोहम्मद यूनुस ने पूर्व PM की पार्टी से कर ली अंदरखाने डील? बांग्लादेश के सियासी दलों का आरोप
जमात ए इस्लामी ने एक बयान जारी कर कहा कि बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने एक पार्टी के प्रति विशेष लगाव दिखाया है. यही कारण है कि आज उनकी निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं.

Bangladesh Chief Advisor Muhammad Yunus: बांग्लादेश के कट्टरपंथी पार्टी जमात ए इस्लामी और NCP ने बांग्लादेश की मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस पर BNP के साथ मुलाकात के बाद पक्षपात करने का आरोप लगाया है. दरअसल, जमात ए इस्लामी और नवगठित पार्टी एनसीपी ने अगले साल अप्रैल महीने में बांग्लादेश में आम चुनाव कराने को लेकर मोहम्मद यूनुस के फैसले का समर्थन किया था, लेकिन शुक्रवार (13 जून) को यूनुस और बीएनपी के बीच फरवरी महीने में चुनाव कराने को लेकर शुरुआती सहमति बनी. इसके बाद शनिवार (14 जून) को जमात ए इस्लामी और एनसीपी ने मोहम्मद यूनुस पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है.
इस संबंध में बांग्लादेश की कट्टरपंथी पार्टी जमात ए इस्लामी ने एक बयान भी जारी किया है. जमात ए इस्लामी ने अपने बयान में कहा कि बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने एक पार्टी के प्रति विशेष लगाव दिखाया है. यही कारण है कि आज उनकी निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
लंदन में हुई थी यूनुस और BNP के कार्यवाहक चेयरमैन की मुलाकात
मोहम्मद यूनुस और बीएनपी के निर्वासित कार्यवाहक चेयरमैन तारिक रहमान की लंदन में शुक्रवार (13 जून, 2025) को मुलाकात हुई. इस मुलाकात के दौरान यूनुस ने रहमान से कहा कि अगर सभी तैयारियां पूरी हो जाती हैं तो अगले साल 2026 के रमजान शुरू होने के एक हफ्ते पहले ही बांग्लादेश में चुनाव किए जा सकते हैं.
बीएनपी के नेतृत्व वाले गठबंधन में करीब 50 पार्टियां शामिल हैं, जिन्होंने सरकार से इसी साल दिसंबर में आम चुनाव कराने की मांग की थी. वहीं. दूसरी ओर जमात ए इस्लामी और एनसीपी ने अप्रैल महीने में आम चुनाव कराने के निर्णय को समर्थन दिया था.
जमात ए इस्लामी ने मोहम्मद यूनस पर लगाए आरोप
मोहम्मद यूनुस और बीएनपी की मुलाकात के बाद जमात ए इस्लामी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बयान जारी कर जमात ए इस्लामी ने कहा कि विदेश में बैठकर घरेलू मामलों को लेकर बयान जारी करना देश की राजनीतिक संस्कृति का उल्लंघन है. उन्हें अपना राय बताने से पहले वापस आने के बाद देश की अन्य राजनीतिक पार्टियों के साथ इस संबंध में चर्चा करनी चाहिए थी. वहीं, एनसीपी ने भी यूनुस के इस कदम को निराशाजनक करार दिया.
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