(Source: ECI / CVoter)
Gurpatwant Singh Pannun Case: गुरपतवंत सिंह पन्नू हत्या की साजिश मामले में बड़ी कार्रवाई, RAW सदस्य को पद से हटाया गया
Gurpatwant Singh Pannun Case: खालिस्तानी समर्थक गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की कथित साजिश के मामले में एक RAW सदस्य को उसके पद से हटा दिया गया है.
Gurpatwant Singh Pannun Case: खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की कथित साजिश के मामले में एक RAW सदस्य को उसके पद से हटा दिया गया है. यह कार्रवाई अमेरिकी दावों की जांच के बाद की गई है. इसके अलावा कई अन्य लोगों के पदों में फेरबदल किया गया है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है कि जांच में पाया गया है कि कुछ ऐसे लोग इस साजिश में शामिल थे, जो सरकार द्वारा अधिकृत नहीं थे. ऊपर बताए गए लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) में अपने पद से हटाया गया सदस्य अर्धसैनिक बल से एजेंसी में आया था. यह RAW सदस्य एक मध्य स्तर का अधिकारी है. उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह जांच के बाद कई अन्य लोगों के पदों में बदलाव किए गए, उसी क्रम में रॉ सदस्य पर भी कार्रवाई की गई है.
भारत ने अभी तक नहीं किया खुलासा
दरअसल, पिछले साल नवंबर महीने में कई अमेरिकी वकीलों ने मैनहट्टन अदालत में अभियोग दर्ज कराया था. इसमें आरोप लगाया गया था कि भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता एक अज्ञात व्यक्ति के निर्देशों पर काम कर रहे हैं. भारतीय अधिकारी अमेरिकी धरती पर गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की साजिश में शामिल था. इस मामले में भारत की तरफ से अभी तक किसी भी तरह का आधिकारिक तौर पर खुलासा नहीं किया गया है.
अधिकारी के साजिश का लगा था आरोप
माना जा रहा है कि जिस RAW सदस्य को उसके पद से हटाया गया है, वह भारत सरकार का वही अधिकारी है जिसे गुप्ता वाले केस में 'सीसी-1' के रूप में बताया गया है. दरअसल, मैनहट्टन अदालत के मुकदमे में CC-1 को 'सुरक्षा प्रबंधन' और 'खुफिया जानकारी' के लिए जिम्मेदार एक 'वरिष्ठ अधिकारी' के रूप में वर्णित किया गया था. इसपर आरोप लगाया गया था कि इसी अधिकारी ने भारत की तरफ से साजिश का निर्देशन किया है.
ब्लूमबर्ग ने बताया कि पन्नू के कथित हत्या के प्रयास में सीधे तौर पर शामिल व्यक्ति अब रॉ के लिए काम नहीं कर रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह व्यक्ति अभी भी सरकार द्वारा नियोजित है और भारत ने उसके खिलाफ कोई आपराधिक कार्रवाई शुरू नहीं की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने उच्च स्तरीय समिति के निष्कर्षों के बारे में अमेरिकी अधिकारियों को भी जानकारी दी है.
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