Justin Trudeau Plane: न कोई वाई-फाई, न कोई लक्जरी व्यवस्था, जानें कैसी है कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के विमान की कंडीशन
Canada PM Justin Trudeau’s Plane: G20 शिखर सम्मेलन में भारत आये कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अभी भी फंसे हुए हैं. दरअसल, उनके विमान में आई खराबी की वजह से उन्हें नई दिल्ली में ही ठहरना पड़ा है.
Canada PM Justin Trudeau In India: G20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने भारत आये दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्ष नई दिल्ली से रवाना हो चुके हैं, लेकिन कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अभी भी भारत में मौजूद हैं. दरअसल, विमान में आई खराबी की वजह से वे भारत में फंसे हुए हैं. उसके साथ उनका प्रतिनिधिमंडल भी तीन दिन से फंसा हुआ है.
कनाडाई प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, जस्टिन ट्रूडो और उनके प्रतिनिधिमंडल को भारत से वापस ले जाने के लिए एक बैकअप विमान CFC002 आ रहा है. इससे पहले तकनीकी खराबी के कारण कनाडाई सशस्त्र बलों ने विमान एयरबस CFC001 को उड़ान भरने से रोक दिया था. बता दें कि जी-20 सम्मेलन रविवार को समाप्त हो गया था. तब से ट्रूडो भारत में हैं.
35 साल पुराना है कनाडाई पीएम का प्लेन
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब कनाडा के पीएम के विमान में आई खराबी है. इससे पहले भी ट्रूडो का विमान इन चीजों को लेकर खबरों में रह चुका है. बता दें कि कनाडाई पीएम के विमान का नाम सीसी-150 पोलारिस है. जिसमें खराबी आई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह विमान करीब 35 साल पुराना है. 1990 से ही इस विमान का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसका रजिस्ट्रेशन नंबर 15001 है.
विमान में आधुनिक सुविधाओं का है आभाव
एसटी की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिन ट्रूडो के विमान में वे तमाम आधुनिक सुविधाएं नहीं हैं, जो और देशों के प्रधानमंत्रियों के विमानों में होती है. जैसे कनाडाई पीएम के विमान में वाई-फाई कनेक्टिविटी का अभाव है. इसके साथ ही उस विमान में कोई डिवाइस चार्ज करने के लिए तार का जाल फर्श पर ही बिछाया गया है. पीएम के लिए विमान में एक छोटा सा केबिन जरूर मौजूद है लेकिन अन्य यात्रियों के लिए विमान में कोई ख़ास व्यवस्था नहीं है.यानी विमान का बाकी हिस्सा एक सामान्य वाणिज्यिक विमान की तरह बनाया गया है.
ईंधन भराने के लिए होती है स्टॉप की जरुरत
रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा के पीएम के विमान की टेक्नोलॉजी बेहद पुरानी है. आलम यह है कि इस विमान को एशिया ट्रिप पर आने के लिए ईंधन भरने के लिए स्टॉप की आवश्यकता होती है. यानी अगर जस्टिन ट्रूडो एशियाई देशों की यात्रा पर जब आते हैं तो अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचने से पहले जहाज को अलास्का और जापान में रुकना पड़ता है. इसके साथ ही, पीएम के साथं यात्रा करने वाले अधिकारी, पत्रकार और सुरक्षा अधिकारी रात भर की उड़ान के दौरान विमान के फर्श पर सोते हैं, साथ ही उन्हें अपने लिए स्वंय कंबल, कैंपिंग पैड और स्लीपिंग बैग लाना पड़ता है.
ट्रूडो के विमान में पहले भी आ चुकी है खराबी
गौरतलब है कि यह कोई पहली बार नहीं है, जब कनाडाई पीएम के साथ ऐसा हुआ है. इससे पहले 2016 में भी उनके इस विमान में खराब आ गई थी. तब उड़ान भरने के 30 मिनट बाद उन्हें ओटावा वापस लौटना पड़ा था. दरअसल, यह घटना उनके बेल्जियम दौरे पर हुई थी. बता दें कि 2019 में भी इस विमान में खराबी आ गई थी, जब यह कनाडा के एक एयरबेस पर किसी चीज से टकरा गया था.
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