अमेरिका: कांग्रेस के सामने पेश होकर अपना बयान दर्ज करवाएंगे मार्क ज़करबर्ग
फेसबुक के मालिक का डेटा लीक मामले में बयान देना गूगल और ट्विटर जैसी कंपनियों के सीईओ पर भी दबाव का काम करेगा. संभव है कि इनकी सफाई के बाद उन्हें भी अपना बयान दर्ज कराना पड़े. अमेरिकी सीनेट की ज्यूडिशरी के चेयरमैन चक ग्रास्ली ने फेसबुक के अलावा गूगल और ट्विटर के मालिकों को भी डेटा लीक मामले में आधिकारिक तौर पर सुनवाई के लिए बुलाया है.

वॉशिंगटन: अमेरिकी मीडिया में छाई ख़बरों के अनुसार फेसबुक के मालिक मार्क ज़करबर्ग डेटा लीक मामले में अमेरिकी सांसदों के सामने पेश होंगे. इस पेशी में उन्हें डेटा लीक मामले पर अपना बयान दर्ज कराना होगा. बताया जा रहा है कि 33 साल के ज़करबर्ग के बयान को लेकर फेसबुक रणनीति तैयार करने में लगा है.
चर्चाएं ऐसी भी हैं कि फेसबुक के मालिक का डेटा लीक मामले में बयान देना गूगल और ट्विटर जैसी कंपनियों के सीईओ पर भी दबाव का काम करेगा. संभव है कि इनकी सफाई के बाद उन्हें भी अपना बयान दर्ज कराना पड़े. अमेरिकी सीनेट की ज्यूडिशरी के चेयरमैन चक ग्रास्ली ने फेसबुक के अलावा गूगल और ट्विटर के मालिकों को भी डेटा लीक मामले में आधिकारिक तौर पर सुनवाई के लिए बुलाया है. इससे साफ है कि बड़ी टेक कंपनियों के ट्रायल का गढ़ ब्रिटेन का लंदन नहीं बल्कि अमेरिका का वॉशिंगटन होगा.
आपको ये भी बता दें कि ज़करबर्ग ने लंदन के जांच अधिकारियों की वो मांग ठुकरा दी जिसमें उन्होंने डेटा लीक मामले में ज़करबर्ग से सवालों के जवाब मांगे थे. कंपनी लंदन की जांच के सवालों के जवाब देने के लिए अपने दो अधिकारियों को भेजेगी. डेटा लीक विवाद की आंच जब भारत पहुंची थी तब देश के आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि अगर भारत के संबंध में ऐसा मामला सामने आया तो वो सीधे ज़करबर्ग को समन कर लेंगे लेकिन ब्रिटेन के सावलों के जवाब देने के लिए ज़बरबर्ग ने जो रास्ता अपनाया है उससे जो आईटी मंत्री ने कहा था, भविष्य में उसके होने की संभवन नज़र नहीं आती है.
डेटा लीक मामले में होने वाली इस सुनवाई के बाद अमेरिका समेत दुनियाभर में सोशल मीडिया और इंटरनेट को लेकर लोगों की सोच और सरकार की नीतियों में भारी बदलाव की संभवना है. आपको जानकारी दे दें कि साल 2015 में हुए डेटा लीक के सहारे अमेरिकी चुनावों में वोटरों से लेकर ब्रिटेन के यूरोप से अलग होने वाले कैंपेन ब्रेक्ज़िट तक को प्रभावित किए जाने की जानकारी सामने आई थी. सबसे बड़ी बात ये है कि जिनका डेटा लीक हुआ था उन्हें हाल तक इसकी भनक नहीं लगी थी.
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Source: IOCL






















