डगलस स्टुअर्ट के उपन्यास ‘शग्गी बैन’ को मिला 2020 का बुकर पुरस्कार
डगलस स्टुअर्ट को उनके पहले उपन्यास ‘शग्गी बैन’ के लिए उन्हें बुकर प्राइज मिला हैसाल 2008 में ये पुरस्कार भारतीय लेखक अरविन्द अडिग को दिया गया था
न्यूयॉर्क में बसे स्कॉटलैंड के लेखक डगलस स्टुअर्ट को बृहस्पतिवार को उनके पहले उपन्यास ‘शग्गी बैन’ के लिए उन्हें 2020 का बुकर पुरस्कार मिला है. ‘शग्गी बैन’ की कहानी में ग्लासगो की पृष्ठभूमि है. दुबई में बसी भारतीय मूल की लेखिका अवनी दोशी का पहला उपन्यास ‘बर्नंट शुगर’ भी इस श्रेणी में नामित था. कुल छह लोगों के उपन्यास नामित थे.
डगलस स्टुअर्ट का अबतक का सफर
इस मौके पर स्टुअर्ट ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास नहीं हो रहा. शग्गी एक काल्पनिक किताब है लेकिन किताब लिखना मेरे लिए बेहद सेहत बख़्श रहा’’ उन्होंने कहा कि यह किताब उन्होंने अपनी मां का समर्पित की है. 44 वर्षीय लेखक 16 साल के थे जब उनकी मां का निधन अत्यधिक शराब पीने की वजह से हो गया था. लंदन के ‘रॉयल कॉलेज ऑफ आर्ट इन लंडन’ से स्नातक करने के बाद, ‘फैशन डिजाइन’ में करियर बनाने वह न्यूयॉर्क चले गए थे.
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी व्यक्त किए विचार
कोरोना वायरस के मद्देनजर ‘बुकर प्राइज 2020’ के समारोह को लंदन के ‘राउंडहाउस’ से प्रसारित किया गया. सभी छह नामित लेखक एक विशेष स्क्रीन के जरिए समारोह में शामिल हुए. इस मौके पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी बुकर पुरस्कार प्राप्त उपन्यासों पर अपने विचार व्यक्त किए.
इन लेखकों को भी मिला है बुकर प्राइज
आपको बता दें कि बुकर प्राइज कॉमनवैल्थ या आयरलैंड के नागरिक द्वारा लिखे गए मौलिक अंग्रेजी उपन्यास के लिए हर साल दिया जाता है. साल 2008 में ये प्राइज भारतीय लेखक अरविन्द अडिग को दिया गया था. वहीं, वी एस नाइपॉल, अरुंधति राय, सलमान रश्दी और किरण देसाई को भी ये पुरस्कार मिल चुका है.
ये भी पढ़ें