केमिस्ट्री में नोबेल पुरस्कार का ऐलान! डेविड बेकर, डेमिस हसाबिस और जॉन जम्पर को मिला अवॉर्ड
Nobel Prize 2024: नोबेल पुरस्कार 2024 की घोषणा की जा रही है. औपचारिक रूप से इसे 10 दिसंबर को स्टॉकहोम में दिया जाएगा.
Nobel Prize in Chemistry 2024: 2024 के रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार विजेताओं का ऐलान कर दिया गया है. रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने बुधवार (09 अक्टूबर) को घोषणा की कि 2024 का रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार डेविड बेकर, डेमिस हसाबिस और जॉन एम. जम्पर को दिया जाएगा. इन लोगों को प्रोटीन विज्ञान में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए इस अवॉर्ड से नवाजा गया है.
अमेरिका के सिएटल स्थित वाशिंगटन विश्वविद्यालय के डेविड बेकर को "कम्प्यूटेशनल प्रोटीन डिजाइन के लिए" रसायन विज्ञान में प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार दिया गया, जबकि लंदन, यूके स्थित गूगल डीपमाइंड के डेमिस हसाबिस और जॉन एम. जम्पर को "प्रोटीन संरचना भविष्यवाणी के लिए" पुरस्कार दिया गया.
नोबेल समिति के अध्यक्ष ने क्या कहा?
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रसायन विज्ञान के लिए नोबेल समिति के अध्यक्ष हेनर लिंके ने कहा, "इस साल मान्यता प्राप्त खोजों में से एक शानदार प्रोटीन के निर्माण से संबंधित है. दूसरी खोज 50 साल पुराने सपने को पूरा करने के बारे में है. उनके अमीनो एसिड अनुक्रमों से प्रोटीन संरचनाओं की भविष्यवाणी करना. इन दोनों खोजों से अपार संभावनाएं खुलती हैं."
2003 मे डेविड बेकर ने तैयार किया था प्रोटीन
डेविड बेकर ने पूरी तरह से नए प्रोटीन डिजाइन करने की असाधारण उपलब्धि हासिल की है, जबकि डेमिस हसाबिस और जॉन जंपर ने 50 साल पुरानी चुनौती को हल करने के लिए एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल विकसित किया है, जो प्रोटीन की जटिल त्रि-आयामी संरचनाओं की भविष्यवाणी करता है.
2003 में बेकर ने सफलतापूर्वक एक नया प्रोटीन तैयार किया. उसके बाद से उनके शोध समूह ने कई ऐसे अभिनव प्रोटीन बनाए हैं जिनका उपयोग फार्मास्यूटिकल्स, वैक्सीन, नैनोमटेरियल और सेंसर में किया जा सकता है.
इस बीच, हसबिस और जम्पर की एआई-आधारित सफलता 2020 में अल्फाफोल्ड2 की शुरुआत के साथ आई. उनका मॉडल शोधकर्ताओं के पहचाने गए लगभग सभी 200 मिलियन प्रोटीन की संरचना की भविष्यवाणी कर सकता है. ये एक ऐसी उपलब्धि थी, जिसे पहले असंभव माना जाता था.
रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने एक बयान में कहा, "प्रोटीन के बिना जीवन संभव नहीं है. अब हम प्रोटीन संरचनाओं की भविष्यवाणी कर सकते हैं और अपने स्वयं के प्रोटीन डिजाइन कर सकते हैं, जो मानव जाति के लिए सबसे बड़ा लाभ है."