चीन में जाकर कमाया 1 लाख तो भारत में आकर कितनी हो जाएगी कीमत? वैल्यू जानकर उड़ जाएंगे होश
चीन की रॅन्मिन्बी (Yuan) न केवल एशिया बल्कि विश्व स्तर पर एक प्रभावशाली मुद्रा बन चुकी है, बल्कि भारत की तुलना में इसका मूल्य अधिक है. जानें इसकी असली कीमत.

चीन एशिया के सबसे बड़े देशों में से एक है. ये दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी है. इसकी करेंसी की बात करें तो चीन की मुद्रा को रॅन्मिन्बी (Renminbi) कहते हैं. इसे आम बोलचाल में युआन (Yuan) कहा जाता है. जैसे भारत में रुपये को ₹ चिन्ह और INR कोड से दिखाया जाता है, वैसे ही चीन की करेंसी का प्रतीक ¥ और कोड CNY है. रॅन्मिन्बी का मतलब होता है जनता की मुद्रा और इसे चीन का आधिकारिक नाम दिया गया है. लोग जब युआन कहते हैं तो वे इसी मुद्रा की इकाई का जिक्र करते हैं. वाइस डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 1 युआन की कीमत 12 रुपये 46 पैसे है. इस हिसाब से अगर कोई भारतीय चीन में जाकर 1 लाख युआन कमाता है तो भारत में आकर उसकी कीमत 12 लाख 45 हजार 710 रुपये हो जाएगी.
चीन की मुद्रा का संचालन पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (People’s Bank of China) करता है. यह वही संस्था है जो रॅन्मिन्बी जारी करती है और देश की करेंसी पॉलिसी का निर्धारण करती है. इस बैंक की भूमिका वैसी ही है, जैसी भारत में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की है. आज रॅन्मिन्बी दुनिया की 5वीं सबसे ज़्यादा इस्तेमाल की जाने वाली मुद्रा बन चुकी है. चीन का अंतरराष्ट्रीय व्यापार बढ़ने से इस मुद्रा की अहमियत भी लगातार बढ़ रही है.
चीन की करेंसी इतनी मजबूत क्यों है?
किसी भी देश की मुद्रा की ताकत केवल उसकी डॉलर के मुकाबले कीमत से नहीं आंकी जाती, बल्कि उसकी आर्थिक स्थिरता, व्यापार, और विदेशी निवेश पर भी निर्भर करती है. चीन की अर्थव्यवस्था पिछले दो दशकों से बेहद मजबूत रही है. सरकार की सख्त नीतियां, नियंत्रित महंगाई और बड़े विदेशी मुद्रा भंडार ने रॅन्मिन्बी को दुनिया की सबसे स्थिर करेंसी में शामिल कर दिया है. चीन के पास दुनिया का सबसे बड़ा फॉरेक्स रिजर्व है, जिससे उसकी मुद्रा पर कोई बड़ा आर्थिक झटका तुरंत असर नहीं डालता. इसके अलावा चीन के निर्यात में वृद्धि से युआन की मांग भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती जा रही है.
भारत और चीन की करेंसी में अंतर
भारत की अर्थव्यवस्था जहां अभी विकासशील चरण में है, वहीं चीन ने औद्योगिक और तकनीकी क्षेत्रों में तेजी से प्रगति की है. इसका सीधा असर उसकी मुद्रा पर भी पड़ा है. यही कारण है कि युआन की स्थिति रुपये के मुकाबले मजबूत बनी हुई है. भारत की तुलना में चीन में महंगाई दर कम और उत्पादन क्षमता ज़्यादा है. इसके चलते रॅन्मिन्बी की क्रय शक्ति यानी Purchasing Power ज्यादा है.
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