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शी जिनपिंग को 'तानाशाह' कहे जाने पर भी चीनी मीडिया क्यों है इतना खुश? जानिए वजह
APEC Meeting: अमेरिका में जो बाइडेन के साथ शी जिनपिंग की द्विपक्षीय वार्ता को चीनी मीडिया में अभूतपूर्व स्तर पर सकारात्मक कवरेज दे रहा है, जबकि बाइडेन ने जिनपिंग को तानाशाह तक कह दिया था.
![शी जिनपिंग को 'तानाशाह' कहे जाने पर भी चीनी मीडिया क्यों है इतना खुश? जानिए वजह APEC Meeting Chinese media Positive Coverage even after calling Xi Jinping a dictator शी जिनपिंग को 'तानाशाह' कहे जाने पर भी चीनी मीडिया क्यों है इतना खुश? जानिए वजह](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/11/18/0bfceb7b0595090f839a7df4948e51031700285165568843_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
एशिया-प्रशांत आर्थिक शिखर सम्मेलन में बैठक के बाद अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने उस बयान को फिर से दोहराया जिसमें उन्होंने चीनी राष्ट्रपति को 'तानाशाह' कहा था. हालांकि चीनी मीडिया में इस बयान को तरजीह नहीं दी जा रही है, लेकिन चीनी मीडिया इस बैठक को लेकर काफी सकारात्मक नजर आ रहा है.
चीन का सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स लिखता है, 'एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग बैठक के भाषण में शी जिनपिंग का भाषण किसी टकराव नहीं बल्कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र की आम अपेक्षाओं का प्रतीक है.'
चीनी मीडिया की अभूतपूर्व कवरेज
चीन का अखबार पीपुल्स डेली ने अमेरिका के साथ हुई बैठक के को लेकर कहा कि ये दोनों देशों के बीच पनपते नए रिश्ते की शुरुआत है. अखबार ने कहा, 'दोनों देशों के नेताओं के बीच हुई बैठक सकारात्मक रही. यह बैठक चीन और अमेरिका के रिश्तों में मजबूती लाने की ओर एक नया कदम है.' अखबार ने उन बातों को भी छापा जो अमूमन चीनी मीडिया में देखने को नहीं मिलता है. अखबार ने लिखा है कि शी जिनपिंग और जो बाइडेन एक ही कार में बैठ कर सैन फ्रांसिस्को के फिलौली एस्टेट गए.
चीन की सरकारी एजेंसी शिन्हुआ ने शी जिनपिंग के 'अमेरिका प्रेम' पर एक लेख छापा है, जिसमें चीनी राष्ट्रपति को अमेरिका का दोस्त तक बता दिया है. शिन्हुआ की वेबसाइट एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) सम्मेलन की खबरों भरी पड़ी है. वेबसाइट पर एक रिपोर्ट लिखा है जिसका शीर्षक है 'शी जिनपिंग ने एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग में अगले 30 स्वर्णिम सालों के लिए रखा प्रस्ताव'.
अमेरिका-चीन बैठक के बीच किन मुद्दों पर सहमति
अमेरिका-चीन के शीर्ष नेताओं ने बैठक के दौरान बंद पड़े सैन्य संवाद को एक बार फिर से बहाल करने के फैसला लिया है. दोनों ने जलवायु परिवर्तन के निपटने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है. इसके अलावा फेंटानिल ड्रग तस्करी पर नकेल कसने को लेकर उन्होंने सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई.
गौरतलब है इस ड्रग की वजह से पिछले साल अमेरिका में 75 हजार नागरिकों की मौत हुई थी. इसके साथ ही चीन ने कहा कि वह अमेरिका के चिड़ियाघरों के लिए अपने पांडा भेजेगा. माना जाता है कि चीन किसी देश से अपने संबंधों में गहराई लाने के लिए पांडा भेजता है. चीन की राजनयिक भाषा में इसे पांडा डिप्लोमेसी कहती है. इसके अलावा चीन और अमेरिका के नेता ने इस बात पर सहमत हुए कि वे आपसी वार्ताओं को जारी रखेंगे.
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