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Explained: कौन हैं अलेक्जेंडर दुगिन? जिनकी हत्या का बनाया गया था प्लान, क्यों कहा जाता है पुतिन का ब्रेन

Aleksandr Dugin: रूसी राष्ट्रपति के दिमाग कहे जाने वाले अलेक्जेंडर दुगिन की बेटी दारया की एक कार धमाके में मौत हो गई है. आखिर दुगिन को पुतिन का ब्रेन क्यों कहा जाता है?

Vladimir Putin's Brain Aleksandr Dugin: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) के सबसे करीबियों में से एक अलेक्जेंडर दुगिन (Aleksandr Dugin) की बेटी दारया (Darya) की कार धमाके में मौत हो गई. धमाका शनिवार की रात मॉस्को (Moscow) के बाहर बोल्शिये व्याज्योमी गांव में हुआ. धमाके के कारणों का पता नहीं चल सका है लेकिन कहा जा रहा है अलेक्जेंडर की हत्या की योजना के तहत कार में विस्फोट हुआ.

जानकारी के मुताबिक, अलेक्जेंडर दुगिन को ही कार में बैठना था लेकिन अचानक उन्होंने उस कार में सवार न होने का फैसला किया था. आखिर कौन हैं अलेक्जेंडर दुगिन, जिनकी हत्या की योजना बनाई गई और क्यों कहा जाता है उन्हें पुतिन का ब्रेन (Putin's Brain), आइये जानते हैं.

दुगिन को क्यों कहा जाता है पुतिन का ब्रेन

अलेक्जेंडर दुगिन पेशे से रूसी राजनीतिक दार्शनिक, विश्लेषक और रणनीतिकार हैं. उनकी विचारधारा फासीवादी बताई जाती है और वह खुद को रूढ़िवादी कहते हैं. पश्चिम के कुछ देश उन्हें पुतिन का दिमाग कहते हैं. इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि यूक्रेन पर रूसी हमले के लिए दुगिन ने ही वैचारिक आधार तैयार किया है. वह युक्रेन को पूरी तरह से रूसी आधिपत्य का प्रशासनिक सेक्टर बनाने की वकालत कर चुके हैं, जिसको उन्होंने नाम दिया था नोवोरोसिया.

कई लोग मानते हैं कि रूसी सरकार के भीतर दुगिन के प्रभाव को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है, जो कि उनके काम और रूसी विदेश नीति के बीच संबंधों की छाप है. दुगिन ने ऐसे अनुदार अधिनायकवादी रूसी साम्राज्य के लिए आह्वान कर चुके हैं जो अमेरिका और अटलांटिसवाद को चुनौती देने के लिए डबलिन से व्लादिवोस्तोक तक यूरेशियन महाद्वीप को नियंत्रित करता हो. अन्य देशों में दुगिन के संबंध कट्टरपंथी समूहों से बताए जाते हैं.

स्ट्रीट क्लीनर का काम कर चुके हैं दुगिन

दुगिन का जन्म मॉस्को में हुआ था. उनके पिता गेली अलेक्जेंड्रोविच दुगिन सोवियत सेना में कर्नल जनरल थे और मां गैलीना पेशे से डॉक्टर थीं. दुगिन जब महज तीन साल के थे तब उनके पिता परिवार को छोड़कर चले गए थे लेकिन यह सुनिश्चित किया था कि बेटे को अच्छा रहन सहन मिले. 1983 में बेटे के बर्ताव के कारण दुगिन को कस्टम विभाग में ट्रांसफर कर दिया गया था. 1979 में दुगिन में मॉस्को एविएशन इंस्टीट्यूट में भी दाखिला लिया था लेकिन वहां से उन्हें निकाल दिया गया था. इसके बाद उन्होंने सड़क के सफाइकर्मी के तौर पर काम करना शुरू किया और लेनिन लाइब्रेरी तक पहुंच बनाने और अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए एक जाली पाठक बनकर फर्जी कार्ड का इस्तेमाल किया था.

कुछ सूत्रों ने दावा किया था कि दुगिन ने इसकी जगह केजीबी संग्रह में काम करना शुरू किया था, जहां हालांकि, अन्य स्रोतों का दावा है कि उन्होंने इसके बजाय केजीबी संग्रह में काम करना शुरू कर दिया, जहां मकान बनाने संबंधी किताबों, फासीवाद और बुतपरस्ती पर आधारित प्रतिबंधित साहित्य तक उनकी पहुंच थी. दुगिन की पहली पत्नी एक रूसी कार्यकर्ता एवगेनिया डेब्रियनस्काया थीं. उनका एक बेटा है जिसका नाम उन्होंने आर्थर रखा. आर्थर रिंबाउड के सम्मान में उन्होंने बेटे का नाम रखा था.

1980 में दुगिन एक असंतुष्ट समूह युजिस्की में शामिल हुए, जो शैतानवाद और तांत्रिक मतों पर विश्वास करता था. समूह में उन्हें नाजीवाद का समर्थन माना जाता था. उन्होंने इटैलियन, जर्मन, फ्रेंच, अंग्रेजी और स्पेनिश बोलना सीखा. कहा जाता है कि 80 के दशक में दुगिन कम्युनिस्ट विरोधी थे. राजनीति में शामिल होने से पहले वह एक पत्रकार के तौर पर काम करते रहे. 1988 में वह अपने एक दोस्त गेदर जेमल अल्ट्रानेशनलिस्ट समूह पमायत (मेमोरी) में शामिल हो गए, जिसने बाद में रूसी फासीवाद को जन्म दिया. दुगिन ने गेनेडी जुगानोव के नेतृत्व वाली रूसी संघ की कम्युनिस्ट पार्टी के लिए राजनीतिक कार्यक्रम लिखने में मदद की. 

30 से ज्यादा किताबें लिख चुके हैं दुगिन

वह उनके अग्रदूत एडुआर्ड लिमोनोव यूरेशिया की नेशनल बोल्शेविक फ्रंट के मुख्य आयोजक थे, जिसे 2005 में एक रूसी अदालत ने प्रतिबंधित कर दिया था. उन्होंने स्टेट ड्यूमा स्पीकर गेनाडी सेलेज्न्योव और सत्तारूढ़ यूनाइटेड रशिया पार्टी के एक प्रमुख सदस्य सर्गेई नारिश्किन के सलाहकार के तौर पर भी काम किया है. 

वह 2009 से 2014 तक मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के समाजशास्त्र विभाग के प्रमुख थे, यूक्रेनी नागरिकों के बारे में टिप्पणियों की वजह से उनसे यह पद छिन गया था. दुगिन ने 30 से ज्यादा किताबें लिखी हैं, जिनमें 1997 में आई उनकी फाउंडेशन ऑफ जियोपॉलिटिक्स और 2009 में आई द फोर्थ पॉलिटिकल थ्योरी भी शामिल हैं.

दुगिन पर प्रतिबंध

इसी साल तीन मार्च को अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने दुगिन के कथित नियंत्रण के कारण जियोपॉलिटिका नामक मैगजीन को प्रतिबंधित कर दिया था.  इसी अमेरिकी विभाग ने दुगिन की बेटी पर भी प्रतिबंध लगाए, जो कि वेबसाइट यूनाइटेड वर्ल्ड इंटरनेशनल की मुख्य संपादक के तौर पर काम कर रही थी. अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के मुताबिक, दारया की वेबसाइट ने येवगेनी प्रिगोझिन के स्वामित्व में लाखता प्रोजेक्ट को विकसित किया था, प्रिगोझिन 2016 के अमेरिकी चुनावों में रूसी दखल के लिए जिम्मेदार था. 

11 मार्च 2015 को अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने दुगिन को उन रूसी नागरिकों की सूची में शामिल किया जिनकी वजह से यूक्रेन में संकट आया था. दुगिन की यूरेशियन यूथ यूनियन पर भी निशाना साधा गया था. 2015 में कनाडा ने भी दुगिन को प्रतिबंधिक लोगों की लिस्ट में शामिल किया था.

जब नौकरी से निकाला गया

2015 में दुगिन  Tsargrad TV के चीफ एडिटर बने थे. 2014 में मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी के समाजशास्त्र विभाग के प्रमुख के पद से दुगिन को बर्खास्त कर दिया गया था. 10 हजार से ज्यादा लोगों ने याचिका पर हस्ताक्षर कर दुगिन को पद से बर्खास्त करवाया था. 

दुगिन के एक इंटरव्यू के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था. 2 मई 204 को ओडेसा की एक इमारत में जलाए गए रूसी समर्थक कार्यकर्ताओं के लेकर उन्होंने एक बयान दिया था. घटना के संबंध में उन्होंने कहा था कि वह एक प्रोफेसर के तौर पर मानते हैं कि ''2 मई को जो हुआ वह किसी सीमा से परे है, उन्हें मारो, मारो, मार डालो, कोई और बातचीत नहीं होनी चाहिए.'' दुगिन ने आराजकता फैलाने वालों के खिलाफ भड़ास निकाली थी लेकिन मीडिया ने इसे यूक्रेन के लोगों को मारने के उनके आह्वान के तौर पर दिखाया था.

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