Covishield लगवाने वालों को नहीं मिल रहा EU का ग्रीन पास, Adar Poonawala ने कहा- जल्द निकालेंगे हल
कोविशील्ड लगवाने वाले लोगों को यूरोपीय संघ के देश अपने यहां आने की इजाजत नहीं देंगे. इसपर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने एक ट्वीट के जरिए कहा है कि उन्होंने इस मुद्दे को उच्च स्तर पर उठाया है. उन्होंने कहा है कि इस मामले को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.
भारत में 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है. ज्यादातर लोगों को कोविशील्ड का टीका ही लगाया है. इसको लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है. दरअसल, कोविशील्ड लगवाने वाले लोगों को यूरोपीय संघ के देश अपने यहां आने की इजाजत नहीं देंगे. इसपर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
अदार पूनावाला ने ट्विटर पर एक ट्वीट के जरिए कहा है कि उन्होंने इस मुद्दे को उच्च स्तर पर उठाया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "मुझे एहसास है कि बहुत से भारतीय, जिन्होंने कोविशील्ड वैक्सीन ली है उन्हें यूरोपीय संघ की यात्रा करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. मैं सभी को विश्वास दिलाता हूं मैंने इसे उच्चतम स्तर पर उठाया है और उम्मीद है कि इस मामले को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा."
I realise that a lot of Indians who have taken COVISHIELD are facing issues with travel to the E.U., I assure everyone, I have taken this up at the highest levels and hope to resolve this matter soon, both with regulators and at a diplomatic level with countries.
— Adar Poonawalla (@adarpoonawalla) June 28, 2021
यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी ने इन चार टीकों को दी मंजूरी
अभी के समय में यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (EMA) द्वारा चार टीकों को मंजूरी दी गई है, जिन्हें लगवाने वाले लोगों को ही यूरोपीय संघ के सदस्य देशों द्वारा ग्रीन पास जारी किया जा सकता है. ईएमए ने फाइजर/बायोएनटेक की कॉमिरनाटी, मॉडर्ना, एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की वेक्सजेरविरिया और जॉनसन एंड जॉनसन की जॉनसेन को मंजूरी दी है.
ईएमए ने कोविशील्ड को नहीं दी है मान्यता
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में निर्मित कोविशील्ड को अभी तक ईएमए (EMA) ने मान्यता नहीं दी है. जबकि वैक्सजेवरिया और कोविशील्ड दोनों ही एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन हैं. भारत में कोविशील्ड वैक्सीन पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाई गई है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंजूरी दे दी है. भारत ने मदद के तौर पर कोविशील्ड वैक्सीन कई देशों को भी दिया है.