अखिलेश सरकार के पूर्व एडवोकेट जनरल ने ही उठाए कैराना में निष्पक्ष वोटिंग पर सवाल

इलाहाबाद: अखिलेश यादव सरकार में एडवोकेट जनरल रहे इलाहाबाद हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट वीसी मिश्र ने कैराना में हिंदुओं के पलायन को लेकर यूपी सरकार पर जमकर निशाना साधा है और चुनाव आयोग को चिट्ठी भेजकर वहां वोटिंग के दिन हाईकोर्ट के वकीलों की कमेटी को मानीटरिंग करने की इजाजत माँगी है.
धर्म विशेष के लोगों को मतदान करने से रोकने की धमकियां
चुनाव आयोग को भेजी गई चिट्ठी में वीसी मिश्र ने आरोप लगाया है कि अखिलेश सरकार की शह पर कैराना समेत समूचे शामली में एक धर्म विशेष के लोगों को मतदान करने से रोकने की धमकियां दी जा रही हैं.
हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद अखिलेश सरकार वहां निष्पक्ष व शांतिपूर्ण मतदान के कोई ठोस इंतजाम नहीं कर रही है. ऐसे में हाईकोर्ट के वकीलों की ग्यारह सदस्यीय कमेटी को ग्यारह फरवरी को वोटिंग के दिन वहां जाकर मॉनिटरिंग करने की इजाजत दी जाए.
विशेष व्यवस्था कराए जाने का आदेश
वीसी मिश्र के यह आरोप इसलिए भी बेहद गंभीर हो जाते हैं क्योंकि वह सीएम अखिलेश यादव के बेहद करीबियों में माने जाते थे. वीसी मिश्र ने ही दो दिन पहले हाईकोर्ट से कैराना में वोटिंग के दिन विशेष व्यवस्था कराए जाने का आदेश कराया था.
पूर्व एडवोकेट जनरल वीसी मिश्र का आरोप है कि अखिलेश सरकार वोट बैंक के मद्देनजर कैराना से हो रहे पलायन की घटना पर आंख बन्द किये हुए हैं. इतना ही नहीं सरकार की शह पर समाजवादी पार्टी से जुड़े लोग व कुछ अराजक तत्व वहां के वोटरों को मतदान न करने के लिए धमका रहे हैं. उनका आरोप है कि हाईकोर्ट के सख्त आदेश के बावजूद अखिलेश सरकार ने कैराना में वोटरों की सुरक्षा व उनके भयमुक्त होकर मतदान करने के कोई इंतजाम नहीं किये हैं.
हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को मजबूर
ऐसे में हाईकोर्ट की कमेटी मतदान के दिन वहां का जायजा लेकर अदालत को अपनी रिपोर्ट पेश करना चाहती है. उनका कहना है कि अगर चुनाव आयोग उन्हें व दूसरे वकीलों को कैराना जाने की अनुमति नहीं देता है तो वह हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होंगे.
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