छात्रों की नाराजगी पर रेलवे ने कहा- सिर्फ 17% कैंडिडेट्स का सेंटर दूर
रेलवे ने कहा कि 99 फीसदी दिव्यांगों और महिलाओं को 200 किलोमीटर के अंदर परीक्षा केंद्र दिए गए हैं. इसी तरह थोड़ा और आगे बढ़कर 500 किलोमीटर के अंदर लगभग 83 फीसदी के सेंटर दिए गए हैं और सिर्फ 17 फीसदी कैंडिडेट्स को 500 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर सेंटर दिए गए हैं.

नई दिल्ली: रेलवे भर्ती बोर्ड की सहायक लोको पायलट और तकनीशियन पदों की परीक्षा को लेकर कैंडिडेट शिकायत कर रहे हैं कि उनका सेंटर दूसरे राज्यों में दे दिया गया है. इसमें बिहार और यूपी के छात्र मुख्य रूप से शामिल हैं. इस पर अब रेलवे ने अपना पक्ष रखा है. रेलवे ने कहा है कि इस परीक्षा के लिए 47 लाख से अधिक छात्रों ने आवेदन किया है. इनमें से लगभग 34 लाख, यानी 71% से अधिक आवेदकों को 200 किलोमीटर के अंदर ही परीक्षा केंद्र दिए गए हैं.
रेलवे ने कहा कि 99 फीसदी दिव्यांगों और महिलाओं को 200 किलोमीटर के अंदर परीक्षा केंद्र दिए गए हैं. इसी तरह थोड़ा और आगे बढ़कर 500 किलोमीटर के अंदर लगभग 83 फीसदी के सेंटर दिए गए हैं और सिर्फ 17 फीसदी कैंडिडेट्स को 500 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर सेंटर दिए गए हैं. परीक्षा की तारीख 9 अगस्त है.
रेलवे का कहना है कि कुछ राज्यों से आवेदकों की संख्या वहां उपलब्ध परीक्षा केंद्रों की क्षमता से बहुत ज़्यादा है. जैसे बिहार से 9 लाख, उत्तर प्रदेश से 9.5 लाख और राजस्थान से 4.5 लाख आवेदक हैं और इन राज्यों में परीक्षा केंद्रों की क्षमता इतनी नहीं है. पहले इस परीक्षा को छह दिनों में पूरा करने की योजना बनायी गयी थी जिसे बाद में बढ़ा के 10 दिन कर दिया गया है ताकि इन राज्यों के ज़्यादा से ज़्यादा आवेदक को नजदीकी सेंटर्स मिले. इस अवधि को इससे ज़्यादा बढ़ाना सम्भव नहीं है क्योंकि उससे इसके बाद आयोजित की जाने वाली लेवल-1 की परीक्षा पर प्रभाव पड़ेगा.
इन तीन राज्यों के जिन अभ्यर्थियों ने शुरुआत में आवेदन किया है उन्हें निकट के केंद्र मिले हैं, जबकि जिन्होंने बाद में आवेदन किया है उनको दूर के सेंटर आवंटित हुए हैं. फिर भी यह ध्यान रखा गया कि ऐसे कैंडिडेट्स को बेहतर यातायात सुविधा वाले मुख्य शहरों में रखा जाए.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























