सपा-बसपा गठबंधन को छोटे दलों ने माना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती, जानिए किसने क्या कहा
सपा और बसपा के बीच गठबंधन पर उत्तर प्रदेश में छोटे दलों की मिली जुली प्रतिक्रिया रही है. कुछ ने इसे बड़ी चुनौती बताया है तो अन्य ने इसे अवसरवादी गठबंधन बताया है.

लखनऊ: सपा और बसपा के बीच गठबंधन पर उत्तर प्रदेश में छोटे दलों की मिली जुली प्रतिक्रिया रही है. कुछ ने इसे बड़ी चुनौती बताया है तो अन्य ने इसे अवसरवादी गठबंधन बताया है. भाजपा की सहयोगी एसबीएसपी ने सपा-बसपा गठबंधन को सत्तारूढ़ दल के लिए बड़ी चुनौती बताया है. पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर योगी सरकार में मंत्री हैं.
निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) पार्टी ने सपा-बसपा गठबंधन की सराहना की है. निषाद पार्टी प्रमुख संजय निषाद ने कहा," हम चाहते थे कि पहले दो बड़े दल साथ आएं और इसके बाद हमें सीटें मिलेंगी. हम अपने चुनाव चिह्न पर सपा से लड़ना चाहते हैं. मैंने अखिलेश (यादव) से बात की है और उनके साथ (सीट बंटवारे पर) समझौता हो चुका है. दो-तीन दिन में स्थिति साफ हो जाएगी."
असदुद्दीन ओवैसी की मजलिस ए इत्तेहाद मुस्लिमीन ने दोनों पार्टियों के हाथ मिलाने को अवसरवादी गठबंधन बताया है. पीस पार्टी के अध्यक्ष मोहम्मद अयूब ने कहा कि इस गठबंधन के बाद भाजपा राज्य में एक भी सीट नहीं जीत पाएगी.
भीम आर्मी के संस्थापक चन्द्रशेखर आजाद ने रविवार को कहा कि बीजेपी को हराने के लिये भीम आर्मी सपा-बसपा गठबंधन का समर्थन करेगी. उन्होंने कहा कि वह चाहते थे कि यूपी में बीजेपी को हराने के लिये एक सामाजिक गठबंधन बने. सपा-बसपा के गठबंधन से उनका यह सपना पूरा हुआ है.
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