मायावती पर टिप्पणी कर चौतरफा घिरी बीजेपी MLA, महिला आयोग जारी करेगा नोटिस
एक सभा में बोलते हुए बीजेपी विधायक ने बीएसपी प्रमुख मायावती पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया था. इसी बयान पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया है. मामले पर एसपी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

लखनऊ: राष्ट्रीय महिला आयोग ने बीजेपी विधायक साधना सिंह के बीएसपी प्रमुख मायावती पर की गई टिप्पणी पर स्वत: संज्ञान लिया है. आयोग साधना सिंह को उनके बयान पर नोटिस जारी करने वाला है. इससे पहले एक सभा में बोलते हुए बीजेपी विधायक ने बीएसपी प्रमुख मायावती पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया था. बीजेपी विधायक ने मायावती को कलंकी बताया था. सभा में बोलते हुए साधना सिंह ने कहा था, "जिस महिला का ब्लाउज, पेटीकोट, साड़ी फट जाए वो महिला सत्ता के लिए आगे आती हैं." साधना सिंह ने कहा, "वो महिला किन्नर से भी बदतर है क्योंकि वह न तो नर है और न महिला है."
बीजेपी विधायक साधना सिंह अपने बयानों को लेकर काफी चर्चा में रहती हैं. उनपर अलग-अलग मामलों के सात केस भी दर्ज हैं. मायावती पर तीखे प्रहार करने के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि सत्ता के लिए मायावती ने चीरहरण करने वालों से हाथ मिला लिया है. उन्होंने मायावती को महिला जाति पर कलंक बताया. साधना सिंह मुगलसराय से बीजेपी की विधायक हैं. साधना सिंह ने मायावती पर यह हमला बीजेपी द्वारा आयोजित किसान कुंभ ग्राम महा अभियान कार्यक्रम में किया.
मामले पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि बीएसपी प्रमुख मायावती के लिए बीजेपी विधायक की भाषा घोर निंदनीय है. अखिलेश यादव ने कहा कि यह बीजेपी के नैतिक दिवालियापन और हताशा का प्रतीक है. एसपी प्रमुख ने कहा कि यह देश की महिलाओं का भी अपमान है.
मामले पर बीएसपी नेता सतीश मिश्रा ने करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह की भाषा का प्रयोग किया गया है वह बीजेपी के स्तर को दर्शाता है. सतीश मिश्रा ने कहा कि एसपी-बीएसपी गठबंधन होने के बाद से बीजेपी नेताओं ने मानसिक संतुलन खो दिया है और ऐसे नेताओं को आगरा या बरेली के मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती कराए जाने की जरूरत है.
इससे पहले जुलाई, 2016 में बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह ने बीएसपी चीफ पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया था. इसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. करीब 10 दिनों तक लापता रहने के बाद उन्हें बिहार के बक्सर जिले से गिरफ्तार किया गया था. उनकी बीवी स्वाति सिंह बाद में उनके स्थान पर चुनाव लड़ीं और जीतीं. वह अभी यूपी सरकार में मंत्री हैं. बाद में दयाशंकर सिंह की भी पार्टी में वापसी हो गई.
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