Kumbh Mela 2019: कुंभ में वीएचपी की धर्म संसद से पहले होगी शंकराचार्य की परम धर्म संसद
Kumbh Mela 2019: प्रयागराज में लग रहे कुंभ मेले में राम मंदिर निर्माण समेत दूसरे मुद्दों को लेकर होने वाली धर्म संसद पर साधू -संसद दो खेमों में बंट गए हैं.

प्रयागराज: प्रयागराज में लग रहे कुंभ मेले में राम मंदिर निर्माण समेत दूसरे मुद्दों को लेकर होने वाली धर्म संसद पर साधू -संसद दो खेमों में बंट गए हैं. वीएचपी ने जहां मेले में 31 जनवरी और एक फरवरी को धर्म संसद बुलाकर तमाम धर्माचार्यों को एक मंच पर लाने की तैयारी की है, वहीं द्वारिकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने वीएचपी की इस धर्म संसद से पहले ही तीन दिनों की अलग धर्म संसद बुलाए जाने का एलान कर दिया है. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद की यह धर्म संसद कुंभ मेले में ही अठाइस से तीस जनवरी तक होगी और इसे परम धर्म संसद का नाम दिया गया है.
शंकराचार्य की इस परम धर्म संसद में भी राम मंदिर निर्माण के साथ ही कई दूसरे अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. वीएचपी की धर्म संसद में जहां मंदिर समेत तमाम मुद्दों पर प्रस्ताव पारित किये जाएंगे, वहीं शंकराचार्य स्वरूपानंद की परम धर्म संसद में तकरीबन उन्ही मुद्दों पर चर्चा के बाद धर्मादेश जारी किया जाएगा. कुंभ मेले में जिस जगह शंकराचार्य की परम धर्म संसद का आयोजन होना है, बृहस्पतिवार को उस जगह का भूमि पूजन उनके शिष्य और उत्तराधिकारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की अगुवाई में किया गया.
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस मौके पर वीएचपी पर जानबूझकर परम धर्म संसद की तारीख पर ही अपनी धर्म संसद बुलाते हुए टकराव करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि तारीखों के टकराव से बचने के लिए ही परम धर्म संसद के तीन दिवसीय आयोजन को अब एक दिन पहले ही शुरू किया जाएगा. उनके मुताबिक़ शंकराचार्य की परम धर्म संसद में वीएचपी की तरह किसी सियासी व्यक्ति को नहीं बुलाया जाएगा और इसमें सभी पीठों के शंकराचार्य समेत, अखाड़ों के संतों दूसरे प्रमुख धर्माचार्यों को ही बुलाया जाएगा.
शंकराचार्य की इस परम धर्म संसद में साधू संतों और रामभक्तों से राम मंदिर निर्माण के लिए पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने को कहा जाएगा. परम धर्म संसद के आयोजक स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के मुताबिक़ वीएचपी की धर्म संसद से किसी भी मसले पर कोई रास्ता नहीं निकलना है, क्योंकि वीएचपी सिर्फ बीजेपी के लिए काम करती हैं और हमेशा हिन्दू समाज को गुमराह करती है.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL






















