इंदौर: 400 करोड़ रुपये के जीएसटी चोरी कांड के मास्टरमाइंड किशोर वाधवानी को पांच दिनों की रिमांड पर भेजा गया
किशोर वाधवानी को दो दिन पहले मुंबई के फाइव स्टार होटल से धरा गया था. वाधवानी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर जीएसटी चोरी का पर्दाफाश किया गया.

इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में 400 करोड़ रुपए के जीएसटी चोरी कांड के कथित मास्टरमाइंड गुटखा किंग किशोर वाधवानी को आज इंदौर कोर्ट ने पांच दिनों की रिमांड पर भेज दिया. किशोर को दो दिन पहले मुंबई के फाइव स्टार होटल से धरा गया था.
'ऑपरेशन कर्क' के तहत जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) और राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने वाधवानी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर और 400 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पर्दाफाश किया है. डीजीजीआई की जांच से पता चलता है कि आरोपियों ने टेक्स चोरी कर रीयल इस्टेट, होटल इंडस्ट्री और मीडिया सहित आठ कंपनियों को भी खोला.
डीजीजीआई द्वारा एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है, “डीजीजीआई द्वारा प्रारंभिक जांच के आधार पर यह अनुमान लगाया गया है आरोपी व्यक्तियों और उनके सहयोगियों ने जुलाई 2019 से मार्च 2020 तक की अवधि के दौरान अवैध रूप से बेचे गए माल पर लगभग 25 करोड़ रुपये की जीएसटी की चोरी की है. इस पूरे मामले में अब तक हुई जांच में पता चला है कि इस में लगभग 400 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई है. महामारी लॉकडाउन के महीनों (अप्रैल और मई, 2020) के दौरान माना जाता है कि इन लोगों ने पान मसाला/तंबाकू की बड़े पैमाने पर अवैध बिक्री और आपूर्ति का सहारा लिया है.’’
विज्ञप्ती में ये भी कहा गया, ‘’वाधवानी का एक अखबार भी है और छापे के दौरान एजेंसी ने मीडिया के स्टिकर के साथ कई ट्रकों को भी जब्त कर लिया, जिसका इस्तेमाल तंबाकू उत्पादों को लॉकडाउन के दौरान ट्रांसपोर्ट के लिए किया जाता था.’’
अब सवाल उठ रहे हैं कि लॉकडाउन के दौरान उन्हें पास किसने जारी किया? भोपाल से लेकर इंदौर तक के अधिकारियों के नाम इस केस में आ रहे हैं. तभी कांग्रेस के सांसद विवेक तन्खा ने ट्वीट कर सीएम शिवराज सिंह से सवाल पूछा कि क्या कोरोना संकट में अधिकारी महामारी से लड़ने के बजाय बिजनेस कर रहे थे?
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