लखनऊ: ब्लू व्हेल गेम ने ली एक बच्चे की जान, देश में अब तक 10 बच्चों ने की खुदकुशी
ब्लू ब्हेल गेम की शुरुआत 2013 में रूस में हुई थी और धीरे धीरे ये पूरी दुनिया में फैल गया. इस गेम में पहले छोटे छोटे टास्क दिए जाते हैं फिर आत्महत्या के लिए उकसाया जाता है.

लखनऊ: ब्लू व्हेल गेम की वजह से मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है. अब ब्लू व्हेल गेम ने लखनऊ में 13 साल के एक छात्र की जान ले ली है. परिवार का दावा है कि बच्चे ने ब्लू व्हेल गेम के चक्कर में फांसी लगा ली. केंद्र सरकार इस गेम पर प्रतिबंध लगा चुकी है फिर भी इसका खतरा कम नहीं हुआ है.
आदित्य के मामा के मुताबिक, आदित्य अपनी मां के मोबाइल में रोज शाम को गेम खेलता था, परिवार को भनक तक नहीं लगी कि कब उसे ब्लू गेम की लत लग गई. आदित्य ब्लू व्हेल गेम के मायाजाल में ऐसा फंसा कि बाहर ही नहीं निकल सका.
आदित्य के परिवार में मातम का माहौल है. परिवार के लोगों को यकीन ही नहीं हो रहा है कि उनके कलेजे का टुकड़ा अब इस दुनिया में नहीं रहा. हालांकि पुलिस ने अभी तक आधिकारिक रूप से इस पर कोई बयान नहीं दिया है.

ब्लू ब्हेल गेम की शुरुआत 2013 में रूस में हुई थी और धीरे धीरे ये पूरी दुनिया में फैल गया. इस गेम में पहले छोटे छोटे टास्क दिए जाते हैं फिर आत्महत्या के लिए उकसाया जाता है. बच्चों की खुदकुशी की घटनाओं के बाद अलग-अलग राज्य भी ब्लू व्हेल गेम के खिलाफ कदम उठा रहे हैं. राजस्थान हाईकोर्ट ने एक कमेटी का गठन किया है, जो सभी स्कूलों में ब्लू व्हेल गेम के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाएगी.

गुजरात सरकार ने ब्लू व्हेल गेम के एडमिनिस्ट्रेटर और क्यूरेटर की सूचना देने वाले को एक लाख रुपये देने की घोषणा की है. इसके अलावा गुजरात सरकार ने एक हेल्पलाइन नंबर 079 22871917 भी जारी किया है. एडमिनिस्ट्रेटर वो होता है जो टास्क देता है और क्यूरेटर उस टास्क को पूरा करता है. ब्लू व्हेल गेम से बचने का एक ही उपाय है आपके बच्चे स्मार्टफोन पर क्या कर रहे हैं, इस पर कड़ी निगरानी रखें.
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