बिहार: शहीद पिंटू सिंह को श्रद्धांजलि देने पहुंचे बीजेपी के मंत्री, परिवार ने कहा- आपने देर कर दी, ये अपमान है
शहीद इंस्पेक्टर पिंटू सिंह ने 2009 में CRPF ज्वाइन किया था. उनका पैतृक निवास बेगूसराय के बगरस धनचक्की गांव है. वह पांच भाइयों में सबसे छोटे थे. पिंटू सिंह के 4 अन्य भाई पेशे से किसान हैं.

नई दिल्ली: बिहार में बीजेपी के मंत्री विजय सिन्हा बेगूसराय में सीआरपीएफ के शहीद जवान पिंटू के घर पहुंचे. इसपर शहीद जवान के परिवार ने कहा कि श्रद्धांजलि देने के लिए आप देर से आए. ये शहीद का अपमान है. 1 मार्च को जम्मू-कश्मीर में आतंकरोधी अभियान के दौरान पिंटू शहीद हो गए थे.
#WATCH BJP Min Vijay Sinha visited residence of CRPF Inspector Pintu (who lost his life in Handwara encounter on Mar 1) in Begusarai late-night y'day. A family member of the CRPF personnel says, 'This doesn't work, you came so late to pay tributes. It's a martyr's insult.' #Bihar pic.twitter.com/aIeJMyPzZ8
— ANI (@ANI) March 4, 2019
इससे पहले जब पटना हवाईअड्डे पर रविवार को जब शहीद जवान का पार्थिव शरीर पहुंचा तो कोई भी NDA का नेता या बिहार सरकार का मंत्री मौजूद नहीं था. इससे नाराज उनके पिता चक्रधर सिंह ने कहा, "मंत्रियों को बस सत्ता में बने रहने की चिंता है. यह दर्शाता है कि उन्हें सैनिकों की कितनी चिंता है."
इसको लेकर तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा था. उन्होंने ट्वीट किया था, ''पटना में बीजेपी और नीतीश कुमार द्वारा आज शहीद पिंटू सिंह को श्रद्धांजलि नहीं देकर इन फ़र्ज़ी राष्ट्रवादियों ने शहादत का अपमान किया है। यही फ़र्ज़ी लोग सेना और जवानों के नाम पर टेसू बहायेंगे। संकल्प रैली में शहीदों को अपमानित करने का संकल्प लेंगे क्या?''
उधर NDA के नेताओं द्वारा श्रद्धांजलि न देने का मामला तूल पकड़ने के बाद जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने माफी मांगी. प्रशांत किशोर ने रविवार को ट्वीट किया, "हम उन सभी लोगों की ओर से माफी मांगते हैं जिन्हें दुख की इस घड़ी में आपके साथ होना चाहिए था."
शहीद इंस्पेक्टर पिंटू सिंह ने 2009 में CRPF ज्वाइन किया था. उनका पैतृक निवास बेगूसराय के बगरस धनचक्की गांव है. वह पांच भाइयों में सबसे छोटे थे. पिंटू सिंह के 4 अन्य भाई पेशे से किसान हैं. पूरे परिवार की जवाबदेही इन्हीं के ऊपर थी. पिंटू सिंह की शिक्षा मुज़फ़्फ़रपुर के लंगट सिंह कॉलेज से हुई थी.We are sorry for the error of judgement on part of those of us who should have been there with you in this hour of grief. pic.twitter.com/DIhpiKlyd6
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) March 3, 2019
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Source: IOCL






















