शीतकालीन सत्र की हंगामे से शुरुआत, लोकसभा में कांग्रेस और शिवसेना सदस्यों ने की नारेबाजी
सदन की कार्यवाही शुरु होते ही कांग्रेस के सदस्यों ने ‘फारूक अब्दुल्ला वापस लाओ’ और ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ के नारे लगाए.

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा शुरु हो गया. जम्मू-कश्मीर को लेकर कांग्रेस और महाराष्ट्र में किसानों की स्थिति को लेकर शिवसेना के सदस्यों ने अलग अलग मुद्दों को लेकर सदन में नारेबाजी की.
सदन की कार्यवाही राष्ट्रगान की धुन बजाए जाने के साथ शुरू हुई. इसके बाद चार नए सदस्य प्रिंस राज, हिमाद्री सिंह, श्रीनिवास दादा पाटिल और डीएम काथिर आनंद को शपथ दिलाई गई. शपथ ग्रहण के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज और अरूण जेटली सहित नौ दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई.
लोकसभा अध्यक्ष ने जैसे ही प्रश्नकाल की शुरुआत की उसी समय कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, डीएमके और शिवसेना के सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए. कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि सरकार लोकतंत्र को खत्म कर रही है और विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है. दूसरी तरफ, शिवसेना के नेताओं ने महाराष्ट्र के किसानों को राहत देने की मांग करते हुए नारेबाजी की.
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कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुए लोकसभा अध्यक्ष के नजदीक पहुंच गए. उन्होंने ‘फारूक अब्दुल्ला वापस लाओ’ और ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ के नारे लगाए. नेशनल कांफ्रेस के हसनैन मसूदी भी कांग्रेस सदस्यों के साथ आगे तक पहुंच गए.
बीजेपी की पूर्व सहयोगी शिवसेना के सदस्यों ने अपनी जगह खड़े होकर ‘किसानों को राहत दो’ के नारे लगाए. सदन में नारेबाजी के बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार हैं. कार्य मंत्रणा समिति में जो मुद्दे तय होंगे उन पर नियमों के अनुसार चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी खुद इस बारे में आश्वासन दिया है.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी सदस्यों से अपनी अपनी जगह पर जाने और नारेबाजी बंद करने की अपील की, लेकिन सदन में हंगामा जारी रहा.
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