एक्सप्लोरर

पैकेट बंद खाने को लेकर भारत में सख्त कानून की जरूरत क्यों?

हाल ही में एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने बॉर्नविटा को लेकर एक वीडियो बनाया था जिसे कैडबरी ने डिलीट करवा दिया और उस इंफ्लूएंसर को लीगल नोटिस भी भेजा गया.

हाल ही में एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने अपने इंस्टा अकाउंट पर एक हेल्दी ड्रिंक के नुकसान को लेकर वीडियो साझा किया था. कुछ ही समय में यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल होने लगा. वीडियो के वायरल होने के बाद हेल्थ ड्रिंक की कंपनी ने क्रिएटर को लीगल नोटिस भेज दिया. नोटिस में उससे सफाई मांगी गई जिसके बाद उस वीडियो क्रिएटर ने वीडियो को ही डिलीट कर दिया.

हेल्थ ड्रिंक को लेकर दी गई जानकारी पर बना वीडियो को डिलीट करवा दिए जाने और लीगल नोटिस भेजे जाने पर सोशल मीडिया यूजर्स ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है. खाद्य कंपनियां अक्सर ही कमजोर लेबलिंग कानूनों (Labelling Laws) का फायदा उठाती हैं. 

पहले समझते हैं क्या है पूरा मामला 

दरअसल सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अपने वीडियो में 'बॉर्नविटा' में इस्तेमाल किए जाने वाले सामग्री (Ingredients) के बारे में बता रहा था. उन्होंने कहा कि इसके पैकेट पर दी गई जानकारी के अनुसार इस ड्रिंक में जरूरी खनिज और विटामिन तो होते हैं, लेकिन ड्रिंक का लगभग आधा वजन यानी 49.8 प्रतिशत चीनी से भरा होता है. उन्होंने कहा कि इस ड्रिंक में चीनी की मात्रा कार्बोनेटेड पेय पदार्थों (लगभग 11 ग्राम प्रति 100 मिली) से भी ज्यादा है.

बॉर्नविटा बच्चों के बीच लोकप्रिय ड्रिंक है जो दावा करती है कि इसे हर दिन पीने से बच्चों की सेहत बनी रहेगी. वहीं इन्फ्लुएंसर का कहना है कि बॉर्नविटा में रंग और स्वाद को बढ़ाने के लिए चीनी और आर्टीफीशियल रंग मिलाया जाता है. जिसे ज्यादातर उपभोक्ता नजरअंदाज कर देते हैं. इसलिए ये 'हेल्थ ड्रिंक' काफी अनहेल्दी है. 

इन्फ्लुएंसर ने वीडियो में बताया कि ये प्रोडक्ट भले ही आपके शरीर की इम्यूनिटी को बेहतर करने और हड्डियों को मजबूत बनाने का दावा करता है लेकिन अगर हम इसे रोजाना पीते हैं तो इसका नुकसान पहुंच सकता है. 

इन्फ्लुएंसर ने ये तक कह दिया कि बॉर्नविटा के पैकेट के पीछे एक कलरिंग एजेंट का नाम लिखा हुआ है, जिसे इसमें मिलाया जाता है और इस सामग्री से लोगों में कैंसर होने का खतरा है. 

वीडियो बनाने वाले शख्स ने सरकार से इस मसले का हल निकालने की भी अपील की है. उसने आखिर में कहा कि 'बॉर्नविटा की टैगलाइन तैयारी जीत की नहीं बल्कि तैयारी डायबिटीज की होनी चाहिए. '

वहीं वीडियो वायरल होने के बाद ऑनलाइन इसे लेकर बहस छिड़ गई. काफी वायरल हो जाने के बाद कैडबरी ने एक पोस्ट शेयर करते हुए इसकी सफाई दी और वीडियो क्रिएटर को लीगल नोटिस भेज दिया. इसके बाद वीडियो क्रिएटर ने वीडियो डिलीट कर दिया.

 

ऑनलाइन बहस छिड़ गई

ये इंस्टाग्राम रील कुछ ही समय में ट्विटर पर भी वायरल होने लगा. जिसके बाद कैडबरी बॉर्नविटा हमारे सेहत के फायदेमंद है या हानिकारक इस पर बहस छिड़ गई. कुछ लोगों ने कहा कि वो दशकों से बॉर्नविटा का सेवन कर रहे हैं और अब ये वीडियो देखकर उन्हें सदमा लगा है.

एक यूज़र कहते हैं, 'किसी भी पैकेज्ड प्रोडक्ट में ये सभी सामग्री होती ही हैं और बच्चों को इससे दूर रखना चाहिए.' वहीं एक और ने कहा, 'पैकेज्ड जूस हो या कोल्ड ड्रिंक्स हर प्रोडक्ट में ये सामग्री होती है. हॉरलिक्स, कॉम्प्लान, च्यवनप्राश, मल्टीविटामिन सिरप, रियल जूस में भी चीनी और आर्टिफीशियल रंग मिल जाएंगे.'

कितनी बड़ी है समस्या?

निर्माता अकसर ही खाने के प्रोडक्ट को लेकर झूठे स्वास्थ्य दावे करके लोगों को गुमराह करते आए हैं. उदाहरण के तौर फ्रूट जूस को ही ले लीजिए. किसी भी फ्रूट जूस के पैकेट पर ब्रांड नामों के साथ 'प्राकृतिक', 'वास्तविक' जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं सरसों तेल के ब्रांड के साथ निर्माता अक्सर अपने प्रोडक्ट को 'कच्ची घानी' (कोल्ड-प्रेस्ड) के रूप में बेचते हैं और इसी पैकेट पर छोटे फॉन्ट में ये लिखा कि कच्ची घानी ब्रांड नाम का हिस्सा नहीं है. 

हाल ही में बिस्किट के प्रमोशन एक सेलिब्रिटी मांओं को सलाह देती नजर आ रही थी कि बच्चों के लिए खाना बनाने के चक्कर में अपनी नींद गंवाने के  बजाय बच्चों को बिस्किट खिलाएं. इस विज्ञापन पर पोषण विशेषज्ञों ने एतराज जताते हुए कहा कि चीनी और दूध के ठोस पदार्थों से बने बिस्किट ताजा तैयार भोजन की जगह नहीं ले सकते. जिसके बाद इस विज्ञापन को वापस ले लिया गया. 

बोर्नविटा ने इस वीडियो के जवाब में क्या कहा?

कंपनी ने कहा कि बॉर्नविटा की 20 ग्राम मात्रा में 7.5 ग्राम चीनी होती है, जो की बच्चों के शरीर को एक दिन में जितनी चीनी चाहिए होती है उससे काफी कम है. ऐसे में अगर आप एक दिन में एक ग्लास बॉर्नविटा पीते है तो उसमें सिर्फ 10 ग्राम चीनी आएगा. कंपनी ने कहा कि ये सच है कि पूरे पैकेट में 40 फीसदी चीनी है. लेकिन एक दिन में पूरा पैकेट नहीं पिया जाता. इस ड्रिंक को एक दिन में 25 ग्राम तक ही पीना है.  

 
 
 
 
 
View this post on Instagram
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

A post shared by Cadbury Bournvita (@cadburybournvita)

 

क्या बेहतर लेबलिंग कानून एक समाधान हैं?

भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है जो बच्चों के लिए जंक और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड की मार्केटिंग पर रोक लगाता हो. पिछले साल, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने पैक के सामने वाले लेबल को लेकर एक नियम जारी किया था जिसके तहत डिब्बाबंद भोजन में चीनी, नमक और वसा की कितनी मात्रा है यह ग्राहक को बताया जाना जरूरी है. 

प्रोसेस्ड फूड का स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है?

पैकेट बंद और प्रोसेस्ड फूड के जरिए कितने तरह के प्रिजर्वेटिव्स उनके पेट में पहुंच रहे हैं. यह बहुत खतरनाक हो सकते हैं. इसके कारण ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है और लीवर खराब होने जैसी बीमारी हो सकती है. 

डॉ. गौतम सिंह ने एबीपी को बताया कि किसी भी तरह के जंक फूड या प्रोसेस्ड फूड स्वास्थ्य को खराब कर सकते हैं. जिस भी फूड को कृत्रिम प्रिजर्वेटिव्स के जरिए बचाया जाता है, वह शरीर के लिए नुकसानदायक ही होता है. कई कंपनियां ऐसी भी है जो तय मानक से ज्यादा प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल करती हैं. ऐसे जंक फूड आपके लीवर, हार्ट और किडनी के लिए भी नुकसानदायक हैं. 

मिस ब्रैंडिंग है खतरनाक

न्यूट्रीशियनिस्ट रविकांत मिश्रा बताते है किसी भी खाने को कब तक प्रिजर्व रखना है इसकी भी सीमा तय की गई है. लेकिन कई कंपनियां इस मानक का ध्यान नहीं रखतीं. यहां तक कि मिठाइयों में तय मानक से ज्यादा रंग का इस्तेमाल शरीर के लिए बेहद घातक है.

उन्होंने कहा कि मिस ब्रैंडिंग से निपटना आज के समय में बहुत बड़ी चुनौती है. कई बार तो ऐसा भी होता है कि ब्रांडेड कंपनियों का लेबल लगाकर लोकल प्रॉडक्ट बेच दिया जाता है. इसको लेकर कोई सख्त कानून भी नहीं है. ऐसे मामले ज्यादातर सोयाबीन ऑयल के मामलों में देखा जाता है. 

न्यूट्रिशन लेबलिंग क्या है, क्यों है जरूरी

यह किसी खाने वाले पदार्थ के पोषक गुणों के बारे में ग्राहकों तक जानकारी पहुंचाने का एक तरीका है. इसके भी दो पहलू हैं, पहला- अनिवार्य लेबलिंग और दूसरा, अनिवार्य लेबलिंग को समझने के लिए दी गई अतिरिक्त जानकारी. 

जब भी आप किसी खाने के सामान को बाजार से खरीदेंगे तो उसके पैकेट के पीछे छोटे अक्षरों में पोषक तत्वों की जानकारी दी जाती है. जबकि अतिरिक्त जानकारी, जिसे फ्रंट-ऑफ-पैक लेबलिंग भी कहते हैं, पैकेट के सामने की तरफ होती है. 

न्यूट्रिशन लेबलिंग के तहत आमतौर पर नमक, वसा, शर्करा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट आदि पोषक तत्वों की जानकारी दी जानी चाहिए. इनके अलावा अगर उस पैकेट पर सेहत या पोषण से जुड़ा कोई भी दावा किया गया है तो वह भी न्यूट्रिशन लेबलिंग के दायरे में आएगा.

न्यूट्रिशन लेबलिंग इसलिए जरूरी है क्योंकि इसके जरिये लोगों को इस बात की जानकारी मिल पाती है कि वे जो चीज खाने जा रहे हैं, उसमें कौन-कौन से पोषक तत्व किस मात्रा में हैं. और इन पोषक तत्वों को हर रोज कितनी मात्रा लेना चाहिए. 

फ्रंट-ऑफ-पैक लेबल क्या है 

एक ऐसी लेबलिंग है जो न्यूट्रिशन लेबलिंग को आसानी से समझने में मदद करती है. इसकी जानकारी खाने के पैकेट के सामने की तरफ किया जाता है. 

क्या है चेतावनी लेबल 

किसी भी पैकेट पर एक लाल रंग का त्रिकोणीय आकार जरूर बना देखा होगा. इस प्रकार की लेबलिंग ग्राहकों को खाद्य पदार्थ में मौजूद हानिकारक तत्वों के बारे में बताने के लिए की जाती है. उदाहरण के तौर पर समझे तो खाने-पीने की कुछ चीजों में अल्कोहल, नमक या मीठे की ज्यादा मात्रा होती है. वार्निंग लेबल लोगों को इसी हानिकारक चीजों के ज्यादा उपभोग से बचा सकता है. 

भारत में न्यूट्रिशन लेबलिंग की क्या स्थिति है?

न्यूट्रिशन लेबलिंग के तहत भारत में किसी भी पैकेट पर नमक/सोडियम और एडेड शुगर के बारे में बताना अनिवार्य नहीं है. इसके अलावा किसी वस्तु के प्रत्येक उपभोग के आधार पर पोषक तत्वों की जानकारी देना भी वैकल्पिक है. इसके अलावा विभिन्न खाद्य वस्तुओं के प्रत्येक उपभोग की उचित मात्रा भी तय नहीं है. 

दरअसल भारत में न्यूट्रिशन लेबलिंग का कोई प्रारूप अभी तक तय नहीं किया गया है. एफओपी और वार्निंग लेबल की व्यवस्था को भी औपचारिक तौर पर लागू नहीं किया गया है.

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

Bangladesh Violence: 'हिंदू अल्पसंख्यकों को बनाया जा रहा निशाना...', बांग्लादेश के पूर्व मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी का बड़ा बयान
'हिंदू अल्पसंख्यकों को बनाया जा रहा निशाना...', बांग्लादेश के पूर्व मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी का बड़ा बयान
लखनऊ के कई जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी, यूपी में कैसा रहेगा अगले 24 घंटे का मौसम?
लखनऊ के कई जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी, यूपी में कैसा रहेगा अगले 24 घंटे का मौसम?
मधुबाला से होती थी खूबसूरती की तुलना, फिल्मों में सुपरस्टार, लेकिन असल जिंदगी में मिली गुमनामी
मधुबाला से होती थी खूबसूरती की तुलना, फिल्मों में सुपरस्टार, लेकिन असल जिंदगी में मिली गुमनामी
सूर्यकुमार यादव के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रही दक्षिण अफ्रीका टी20 सीरीज, आंकड़े देख सिर पकड़ लेंगे आप
सूर्यकुमार यादव के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रही दक्षिण अफ्रीका टी20 सीरीज, आंकड़े देख सिर पकड़ लेंगे आप

वीडियोज

जिंदा जिस्म में 69 गोलियों का बारूद !
बाजार में बेची जा रही बाबरी मस्जिद-हुमायूं कबीर वाली टी-शर्ट
अपने कारनामे पर अब भी क्यों खामोश है Nitish?
Renault Triber Drive Review | Auto Live #renault #triber
यूपी में BJP-SP के बीच कुर्मी वोट की लड़ाई शुरू

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Bangladesh Violence: 'हिंदू अल्पसंख्यकों को बनाया जा रहा निशाना...', बांग्लादेश के पूर्व मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी का बड़ा बयान
'हिंदू अल्पसंख्यकों को बनाया जा रहा निशाना...', बांग्लादेश के पूर्व मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी का बड़ा बयान
लखनऊ के कई जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी, यूपी में कैसा रहेगा अगले 24 घंटे का मौसम?
लखनऊ के कई जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी, यूपी में कैसा रहेगा अगले 24 घंटे का मौसम?
मधुबाला से होती थी खूबसूरती की तुलना, फिल्मों में सुपरस्टार, लेकिन असल जिंदगी में मिली गुमनामी
मधुबाला से होती थी खूबसूरती की तुलना, फिल्मों में सुपरस्टार, लेकिन असल जिंदगी में मिली गुमनामी
सूर्यकुमार यादव के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रही दक्षिण अफ्रीका टी20 सीरीज, आंकड़े देख सिर पकड़ लेंगे आप
सूर्यकुमार यादव के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रही दक्षिण अफ्रीका टी20 सीरीज, आंकड़े देख सिर पकड़ लेंगे आप
ओमान में पीएम मोदी का वेलकम देखकर हिल गया मुस्लिम वर्ल्ड? पाक एक्सपर्ट चिढ़कर बोले- भारत को इतनी तवज्जो और पाकिस्तान...
ओमान में पीएम मोदी का वेलकम देखकर हिल गया मुस्लिम वर्ल्ड? पाक एक्सपर्ट चिढ़कर बोले- भारत को इतनी तवज्जो और पाकिस्तान...
चलती ट्रेन में कैसे बुला सकते हैं मदद, नोट कर लें ये नंबर
चलती ट्रेन में कैसे बुला सकते हैं मदद, नोट कर लें ये नंबर
ऑनलाइन शॉपिंग से पहले जरूर याद रखें ये 3 जरूरी बातें, नहीं तो पलभर में खाली हो सकता है आपका बैंक अकाउंट
ऑनलाइन शॉपिंग से पहले जरूर याद रखें ये 3 जरूरी बातें, नहीं तो पलभर में खाली हो सकता है आपका बैंक अकाउंट
अजरबैजान में सैलरी 50 हजार तो भारत में हो जाएगी इतनी? जानें पूरी डिटेल्स
अजरबैजान में सैलरी 50 हजार तो भारत में हो जाएगी इतनी? जानें पूरी डिटेल्स
Embed widget