अमेरिका ने भारतीय प्रवासियों के साथ ऐसे सलूक क्यों किया? सरकार ने संसद में क्या दिया जवाब
अमेरिका 332 अवैध भारतीय प्रवासियों को वापस भेज चुका है. यूएस पहला सैन्य विमान 5 फरवरी को अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हुआ, जिसमें 104 लोग सवार थे. इसके बाद 15 और 16 फरवरी को 116 और 112 लोगों को भेजा गया.

US Deportation Row: अमेरिका ने अवैध तरीके से रहने वाले भारतीय प्रवासियों को पिछले महीने सैन्य विमान से डिपोर्ट किया था. जिस तरह निर्वासितों खासकर महिलाओं को बेड़ियों में जकड़कर लाया गया और सिख लोगों की पगड़ी उतरवाई गई, इसको लेकर संसद में काफी बवाल हुआ था. इस मामले में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी संसद में बयान दिया था. भारतीय प्रवासियों के डिपोर्टेशन को लेकर सरकार से कुछ सवाल पूछे गए थे, जिसका जवाब विदेश मंत्रालय की ओर से दिया गया है.
विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार (21 मार्च) को संसद में बताया कि बिना दस्तावेज वाले भारतीय नागरिकों के साथ हुए सख्त व्यवहार को लेकर भारत ने अमेरिकी अधिकारियों के सामने अपनी चिंता दृढ़ता से दर्ज कराई हैं. अमेरिकी अधिकारियों ने MEA को बताया कि तीन निर्वासन उड़ानों में सिख बंदियों के सिर से पगड़ी नहीं उतरवाने का निर्देश नहीं दिया गया था. अमेरिका की ओर से ये भी बताया गया कि शाकाहारी भोजन के अलावा उनकी ओर से कोई मांग नहीं की गई थी. तीन अमेरिकी सैन्य विमानों ने 5, 15 और 16 फरवरी को अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड किया था. भारत के विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी.
सरकार से पूछे गए थे ये सवाल
विदेश मंत्रालय से पूछा गया था कि क्या सरकार ने अमेरिकी इमिग्रेशन और कस्टम इंफोर्समेंट (ICE) की ओर से की गई कार्रवाई दौरान भारतीय निर्वासितों को बेड़ियों में जकड़े जाने से संबंधित रिपोर्टों का संज्ञान लिया है और क्या उसने भारतीय निर्वासितों के साथ किए गए व्यवहार के संबंध में अमेरिका के सामने राजनयिक आपत्ति जताई है? सरकार से यह भी पूछा गया कि क्या 2012 से प्रभावी विमान से निर्वासन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) में प्रतिबंधों के इस्तेमाल की अनुमति दी गई है? अगर हां तो क्या भारत ने अपने नागरिकों के लिए इसमें कोई संशोधन की मांग की है?
5 फरवरी को अमृतसर में लैंड हुआ था पहला विमान
अमेरिका से 104 अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर अमेरिकी वायुसेना का पहला सी-17 ग्लोबमास्टर विमान 5 फरवरी अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हुआ था. इस विमान में भारतीय प्रवासियों के साथ किए गए व्यवहार को देखकर संसद में विपक्ष ने संसद में आपत्ति दर्ज कराई थी, जिसके बाद 6 फरवरी को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा था कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका के साथ बातचीत कर रही है कि निर्वासित भारतीयों के साथ दुर्व्यवहार न हो. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अवैध प्रवास उद्योग पर कड़ी कार्रवाई पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए. अमेरिका से 15 और 16 फरवरी को निर्वासितों के दो और बैच भारत में उतरे थे, जिनमें क्रमश: 116 और 112 लोगों को डिपोर्ट किया गया था. अमेरिकी अधिकारियों की ओर से बताया गया कि दूसरे-तीसरे बैच में किसी महिला या बच्चे को हथकड़ी या बेडियां नहीं लगाई गई थीं.
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Source: IOCL























